जयपुर। राइट-टू-हेल्थ बिल के विरोध में चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीजों की परेशानी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंभीरता से लिया है। सीएम गहलोत ने आंदोलन कर रहे डॉक्टर्स से अपील करते हुए कहा है कि वे हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें। डॉक्टर्स से बात करने के लिए दिल्ली से जयपुर लौटे सीएम ने डॉक्टर्स को वार्ता का न्योता भी दिया, लेकिन डॉक्टर्स ने नहीं गए। सीएम गहलोत ने रात 10 बजे मुख्य सचिव और अन्य उच्च अधिकारियों को डॉक्टर्स के साथ बैठक करने को कहा गया, लेकिन चिकित्सक संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि वे रात को बैठक में नहीं जाएंगे।
आरटीएच संघर्ष समिति के को-ऑर्डिनेटर डॉ.अशोक शारदा ने कहा कि रविवार सुबह जीबीएम की बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे और उसके बाद ही सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता करेंगे। सरकार की ओर से अचानक बुलावा आया है। इसलिए रविवार सुबह सभी से बात कर आगे की रणनीति तय करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि आज डॉक्टर्स हड़ताल खत्म कर काम पर लौट सकते है।
दिल्ली से लौटते हुए सीएम ने ली मीटिंग
डॉक्टर्स के बढ़ते विरोध को देखते हुए शनिवार को गहलोत ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल व प्रशासनिक अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली। जयपुर लौटने के साथ ही सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव उषा शर्मा डॉक्टर्स के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। सीएम गहलोत ने कहा कि विधेयक में चिकित्सकों के हितों का ध्यान रखा गया है और उनका आंदोलन उचित नहीं है। डॉक्टर्स की मांगों को मानकर ही बिल लाया गया है। पक्ष-विपक्ष ने सर्वसम्मति से बिल पारित किया है।
सरकार कार्रवाई और IMA हड़ताल की तैयारी में जुटी
राइट टू हेल्थ बिल वापस लेने की मांग कर रहे डॉक्टर्स और राज्य सरकार अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं! लगातार सातवें दिन डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के कारण प्रदेश के निजी अस्पतालों में मरीजों को इमरजेंसी में भी इलाज नहीं मिला। वहीं, आंदोलन कर रहे चिकित्सक संगठनों ने शनिवार को भी सभा की और त्रिमूर्ति सर्किल तक रैली निकालकर जेएलएन मार्ग जाम किया। इधर, सरकार अब निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। जयपुर पुलिस आयुक्तालय ने सभी थानाधिकारियों से और चिकित्सा विभाग ने सीएमएचओ से निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी है। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार की ओर से सूचना मांगे जाने के बाद सोमवार को राष्ट्रीय लेवल पर चिकित्सा हड़ताल रखने की घोषणा की।
SMS को मिल रहा आमजन का साथ
निजी अस्पतालों के कार्य बहिष्कार के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाब बढ़ा है। एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा है कि त्योहारी सीजन के कारण मरीजों की संख्या कम है। वहीं, एसएमएस में वहीं मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें इलाज की अति आवश्यकत्ता है। इसको लेकर अस्पताल ने व्यवस्थाएं कर दी हैं। एसएमएस का डॉक्टर किसी भी यूनिट में जाकर इलाज दे रहा है। सभी को ऑन कॉल अलर्ट रहने को कह दिया है। वहीं, फै कल्टी मेंबर्स व सीनियर डॉक्टर्स अतिरिक्त काम कर रहे हैं। इमरजेंसी में व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। यहां आने के बाद हर मरीज को इलाज देने की कोशिश हैं। हालांकि, कुछ रूटीन ऑपरेशन जरूर टले हैं, लेकिन वह चिंता की बात नहीं है। इमरजेंसी में सबको इलाज मिल रहा है।
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