जोधपुर में पाकिस्तान से विस्थापित हिंदुओं के घर तोड़े जाने को लेकर अब हिंदू परिवारों ने धरना प्रदर्शन किया। इस कार्रवाई से नाराज परिवारों ने सरकार से जेडीए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर ही वे भारत आए थे लेकिन अब उन्हें यहां भी सुकून से नहीं रहने दिया जा रहा है उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
सरपंच से खरीदी थी जमीन- पाक विस्थापित
धरने पर बैठे पाक विस्थापित हिंदुओं ने कहा कि उन्होंने तो गांव के सरपंच से यह जमीन खरीदी थी। इसके लिए बकायदा रुपए भी उन्होंने दिए थे लेकिन हमारे इन घरों को जो हमने बेहद मुश्किल से बनाया है उन्हें जेडीए ने तोड़ दिए और तो और इस कार्रवाई से पहले हमें कोई नोटिस तक नहीं दिया गया। अब हमारे सिर पर छत नहीं है हम अपने बच्चों को लेकर कहां जाए हमारे घर का सामान तक अब सड़क पर पड़ा हुआ है।
विस्थापितों का कहना है कि अगर जेडीए को हमारे वैध मकान अवैध लग रहे हैं तो कम से कम हमें नोटिस तो दे देते ताकि हम अपना सामान लेकर कहीं दूसरी जगह चले जाते हैं अब हम ऐसे में कहां जाएं।
जिला प्रशासन को दिया ज्ञापन
धरने पर बैठे पाक विस्थापितों से बोरानाडा के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाया बुझाया भी लेकिन वह अपनी मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए ज्ञापन भी सौंपा। जेडीए आयुक्त नवनीत शर्मा ने कहा कि जो कार्रवाई की गई है वह सरकारी जमीन पर ही की गई है। उसी पर इन लोगों ने मकान बना रखे थे, हमने इन्हें नोटिस भी दिया था लेकिन उन्होंने घर खाली नहीं किए। इसलिए हमें मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी।
यहां तक कि लोगों ने इतना विरोध किया कि हम पर पत्थरबाजी भी की। जेसीबी चालक तक जख्मी हो गया उसके सिर में चोट आई है। इसके बाद उन्होंने थाने में मामला भी दर्ज करवा दिया। नवनीत ने कहा कि विस्थापितों का कहना है कि उन्होंने यह जमीन सरपंच से खरीदी थी। सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है और उसके खिलाफ जांच होगी।
400 बीघा जमीन पर बसे पाक विस्थापित हिंदुओं के घरों को तोड़ा
बता दें कि बीते सोमवार को जोधपुर के चौका गांव में जेडीए ने 400 बीघा जमीन पर बसे पाक विस्थापित हिंदुओं के घरों को तोड़ दिया। जेडीए का कहना है कि यह जमीन सरकार की है। इन्होंने यहां अतिक्रमण रखा हुआ है। इस कार्रवाई के विरोध में इन परिवारों ने जेडीए की टीम और जेसीबी चालक पर भी पथराव किया। जिससे चालक के सिर में गंभीर चोट आई। बता दे कि जो लोग यहां पर रह रहे हैं उन्हें अभी भारत की नागरिकता नहीं मिली है वे टर्म वीजा पर यहां रह रहे हैं।
विस्थापित परिवार के पास नहीं है भारत की नागरिकता
जानकारी के मुताबिक पाक विस्थापित हिंदुओं के लिए विनोबा भावे नगर की घोषणा की गई है। यहां पर इन परिवारों को जमीन दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने पहले से ही घोषणा की हुई है और आवेदन भी मांगे हैं लेकिन इसमें उन परिवारों के पास भारत की नागरिकता जरूर होनी चाहिए लेकिन यहां जो परिवार रह रहे हैं उनके पास अभी नागरिकता नहीं है सिर्फ टर्म वीजा है। इसलिए वह अपना घर नहीं बना पा रहे हैं। धीरे-धीरे राजीव नगर में ही उन्होंने अपने घर बना लिए जो कि अवैध है। हालांकि उन्होंने कहा है कि उन्होंने घर गांव के सरपंच से पैसे लेकर यह जमीन खरीदी है। हालांकि मामले की जांच चल रही है जिसके बाद ही सच सामने आ सकेगा।
नेहरू लियाकत समझौते के खिलाफ है ये कार्रवाई- भाजपा
इधर भाजपा ने इस कार्रवाई पर कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस सरकार नेहरू-लियाकत समझौते के खिलाफ काम कर रही है। पाक विस्थापित तो वहां के एक वर्ग विशेष से व्यथित होकर और अपनी जान बचाकर यहां पर आए, उनके घरों तक को इस सरकार ने तोड़ दिया। जबकि नेहरू-लियाकत समझौता के तहत यह स्पष्ट किया गया था कि देश के विभाजन के बाद कोई अल्पसंख्यक अगर पाकिस्तान में है और वह अगर प्रताड़ित हो रहा है तो वह भारत आ सकता है, सरकार उसे सुविधा देगी लेकिन यह सरकार जो इनके साथ कर रही है। उसका खामियाजा तो इन्हें भुगतना ही होगा।