जयपुर। वीरांगनाओं के मामले में आज फिर सदन में गहमागहमी हुई। वीरांगना मंजू जाट को नाते कह कर विवादित बयान देने वाले शांति धारीवाल और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर के बीच इस मुद्दे पर जमकर बहस हुई। शांति धारीवाल ने इस बयान पर अपना स्पष्टीकरण देते हुए अपने ही दिए हुए बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि सुंदरी नाते गई इसमें ऐसा क्या आपत्ति वाला है।
नाते शब्द का दोबारा किया प्रयोग
धारीवाल के सदन में फिर से नाते शब्द का इस्तेमाल करने के बाद विपक्ष भड़क गया। राजेंद्र राठौड़ ने अपने आसन से खड़े होकर इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं का इस तरह का अपमान राजस्थान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके बाद राठौड़ समेत समूचा विपक्ष सदन के भीतर ही नारेबाजी करने लगा। इस बीच सीपी जोशी को भी बीच-बचाव में उतरना पड़ा। हंगामे के बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
धारीवाल ने कहा- सुंदरी देवी के लिए कहा- मंजू जाट के लिए नहीं
दरअसल आज वीरांगना मंजू जाट को नाते जाने कहने पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा गया। इस दौरान शांति धारीवाल ने इस बयान पर अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी मंजू जाट का नाम लेकर नाते जाने के बाद नहीं गई थी। सिर्फ सुंदरी के लिए कहा था उन्होंने कहा था कि वह अपने देवर के 3 साल पहले नाते जा चुकी है। और यह सच है मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है कि मैंने झूठ कहा है, मैंने सच कहा है। मेरे इस बयान का तोड़ मरोड़ कर इस तरह से प्रचार किया जा रहा है, यह सरासर गलत है। सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए इस तरह का प्रचार-प्रसार हो रहा है। मैंने जो बात कही है वह मेरा रिकॉर्ड पर लिया जाए।
किसी की पर्सनल लाइफ पर चर्चा करने सदन में आए हैं क्या ?
धारीवाल के कहते-कहते ही राजेंद्र राठौड़ अपने आसन पर खड़े हुए और उन्होंने कहा कि धारीवाल वीरांगना की पर्सनल लाइफ के बारे में सदन में कैसे बात कर सकते हैं, वह किसी के व्यक्ति के जीवन पर चर्चा करने के लिए सदन में बैठे हैं क्या ?राठौड़ ने कहा कि यह धारीवाल वही मंत्री हैं जिन्होंने राजस्थान में बलात्कार के मामले में कहा था कि मर्दों का प्रदेश है इसलिए बलात्कार होते हैं, इनका इस तरह का स्पष्टीकरण सदन में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
10 बार चीखकर कहा- सुंदरी नाते गई है
सबसे ज्यादा हंगामा तो तब हुआ और चौंकाने वाली बात भी हुई कि विधानसभा में नाते शब्द आपत्ति होने के बावजूद शांति धारीवाल ने सुंदरी नाते गई इस वाक्य को कम से कम 10 बार चीख-चीख कर दोहराया। इस पर समूचा विपक्ष विरोध करने लगा और नारेबाजी करने लगा।