Rajasthan Covid-19 Case: जयपुर। राजधानी में गुरुवार को कोरोना संक्रमित तीन मरीज मिलने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने सैंपलिंग बढ़ानी शुरू कर दी है। प्रदेश में गुरुवार को 465, जबकि जयपुर जिले में 183 कोरोना के सैंपल लिए गए। चिकित्सा विभाग ने फील्ड में अपने कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रहने को निर्देश दिए हैं। 26 दिसंबर को होने वाली मॉकड्रिल को लेकर चिकित्सा संसाधनों ऑक्सीजन व दवाइयां आदि के पूरे इंतजाम के लिए चिकित्सा अिधकारी जुट गए हैं। इधर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशों की पालना में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 एवं श्वसन रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए एडवाजरी भी जारी की है।
कम संक्रमण वाला हो रहा है प्रतीत
एडवाइजरी के अनुसार विशेषज्ञों की राय में प्रथम दृष्टया यह अपेक्षाकृ त कम संक्रमण वाला प्रतीत होता है। एडवाइजरी के अनुसार चिकित्सक के परीक्षण उपरांत रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आइसोलेशन एवं इन लक्षणों के गंभीर या लम्बी अवधि होने की स्थिति में तथा ज्यादा संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
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मरीज यहां किए गए चिह्नित
प्रदेश में गुरुवार को सामने आए मरीजों में एक एसएमएस अस्पताल, दूसरा जेके लॉन और तीसरा टीबी हॉस्पिटल में चिह्नित किया गया है। इन संक्रमितों में से एक झुंझुनूं तथा दूसरा भरतपुर व तीसरा दौसा का रहने वाला बताया जा रहा है। इससे पहले जैसलमेर में भी बुधवार को 2 मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इस तरह प्रदेश में 5 कोरोना मरीजों का इलाज जारी है। वहीं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में एक एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों को बचाव के उपाय बताए हैं।
20 सेकंड तक साबुन से धोएं हाथ
संक्रमण के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य कें द्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते लिया जाना चाहिए। एडवाइजरी के मुताबिक संक्रमित रोगियों, जिन्हेंसर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब की तकलीफ है, उन्हें दूसरे लोगों से दूरी बनानी चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए। हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सैकं ड तक धोना चाहिए या सेनेटाइजर का उपयोग करना चाहिए।
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RUHS में पूरी हैं तैयारियां
कोरोना की पिछली लहर में काम लिए गए आरयूएचएस अस्पताल में इस बार भी कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सकता है। इसको लेकर आरयूएचएस अस्पताल में तैयारियां पूरी की गई है। आरयूएचएस में बेड की संख्या से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां की आपूर्ति जैसी सभी जरूरी चीजों की पूर्ति कर ली गई है।