जयपुर। क्रिसमस और नया साल मनाने को लेकर जयपुराइट्स में उत्साह का माहौल है। सभी इस जश्न को बेहतर बनाने में लगे हैं। सप्ताहभर से ज्यादा समय के लिए जयपुर में लाखों बाहरी लाेगों का आवागमन रहेगा। पर्यटन स्थलों, होटलों और बाजारों में जबरर्दस्त भीड़ रहेगी, लेकिन इस बीच देश में फैल रहे कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन 1 की अनदेखी लोगों पर भारी पड़ सकती है।
कोरोना के मामलों में कमी होने पर लोग कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को भूल चुके हैं। लोग मास्क और सॉशल डिस्टेंस व सेनेटाइजर आदि को जीवन में उपयोग कम करने लगे हैं। ऐसे में क्रिसमस और नए साल के जश्न में लाेगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन व कोरोना से सावधानी रखनी बेहद जरूरी है। अन्यथा कोरोना के फैलने की पूरी आशंका है।
कुछ दिनों के लिए सरकार और चिकित्सा विभाग के सामने चुनौती रहेगी। प्रदेश में कोरोना के अभी 11 मामले एक्टिव चल रहे हैं। जयपुर के मालवीय नगर में शनिवार को कोरोना का एक नया केस और मिला है।
नए टूरिज्म पाॅइंट बने खास पसंद
पुराने पर्यटन स्थलों के अलावा अब पर्यटकों को नए-नए टूरिज्म पाइंट बेहद पसंद आ रहे हैं। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन राजस्थान के अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला ने बताया कि पर्यटक अब जैसलमेर व बाड़मेर के रेतीले धोरों के बीच जश्न मनाने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जवाई डेम, रोहटगढ़, भैंसरोड़गढ़, शेखावाटी आदि नये टूरिज्म पॉइंटों पर पहुंच रहे हैं।
होटलों और पर्यटन स्थलों पर अभी से जमावड़ा
क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों का होटलों और पर्यटन स्थलों पर जबर्दस्त जमावड़ा है। एयरलाइंस और ट्रेनों में फुल बुकिंग है। शहर की सड़कों पर भी वाहनों का दबाव अभी से दिखने लगा है। क्रिसमस मनाने के लिए लोग काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। गिफ्ट आइटम, क्रिसमस ट्री, सैंटा क्लॉस कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं। बापू बाजार में पहली बार सजावट की गई है। चांदपोल चर्च को लाइटों से सजाया गया है। बाईस गोदास पर एमजीएफ मॉल पर क्रिसमिस ट्री पर लाइटें लगाई गई।
व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश
इधर, चिकित्सा विभाग की एसीएस ने शुभ्रा सिंह ने शनिवार को चिकित्सा से जुड़े विषयों को लेकर बैठक ली। एसीएस ने कोविड प्रबंधन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थान अलर्ट मोड पर रहें। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोविड के वर्तमान में सामने आए सॉर्स कॉव-2 जेएन.1 सब वेरिएंट का घातक प्रभाव देखने में नहीं आया है, लेकिन एहतियातन सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं चाक-चौबंद रखी जाएं।
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