श्रवण भाटी। जयपुर। लंबे समय से स्थायी सेवा में आने की बांट जोह रहे प्रदेश के संविदाकर्मी मंगलवार को शहीद स्मारक पर जुटेंगे। संविदा कर्मियों के नियमित होने का सपना नए नियमों के फेर में फंसकर जार-जार होता नजर आ रहा है। कांग्रेस सरकार ने इन कर्मियों के लिए राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 को 11 जनवरी 2022 को लागू किया, लेकिन नियमों का ऐसा मकड़जाल बना दिया कि अब ये संविदाकर्मी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इन्हें न तो स्थायी किया गया है और ना ही इन रूल्स के तहत कोई आर्थिक लाभ मिलता नजर आ रहा है।
2017 में बने पंचायत सहायक
करीब 3 साल बेरोजगार रहने के बाद विद्यार्थी मित्रों को 2017 में तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने फिर भर्ती की। इस बार पंचायत स्तर पर 27 हजार पदों पर पंचायत सहायक के रूप में संविदा भर्ती हुई। संविदा आधार पर मानदेय 6 हजार प्रतिमाह मिलता था। पंचायत सहायक का कार्यकाल भी हर बढ़ाया जाता था। सविंदाकर्मियों का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाता था जो विभाग के संतुष्टि पत्र मिलने के बाद 1 अप्रैल से बढ़ाया जाता था।
1999 में लगे मदरसा में
राजस्थान के पंजीकृत मदरसों में स्कूली पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए वक्फ विकास परिषद द्वारा 1200 रुपए माह के पारिश्रमिक मानदेय पर संविदा भर्ती 1999-2000 में हुई। इसमें करीब 150 लोगों की भर्ती हुई, जिसकी योग्यता एसटीसी-बीएड थी। उसके बाद 700 पैराटीचर 44 वक्फ परिषद के माध्यम से ही भर्ती किए गए थे। नए नियम बने फांस सविंदाकर्मियों को नए नियम के तहत सविंदा पर रखा गया।
नियम में वेतन आंशिक बढ़ाया गया, लेकिन सरकार ने नियमतीकरण के लिए कड़े कानून लगा दिए। नए नियमों के तहत उन्हें 5 वर्ष के अनुबंध पर रखा गया। 5 साल के सेवाकाल के बाद संविदा कर्मियों संबंधित विभाग से संतुष्टि पत्र के बाद ही आगे के लिए अनुबंध किया जाएगा।
नए नियमों के तहत 5 साल की सेवा पूर्ण होने पर ही नियमित किए जाएंगे, लेकिन सरकार ने सविंदाकर्मियों की पुरानी सेवाकाल की गणना आईएएस पैटर्न के अनुसार करने का नियम बनाया। इसमें 3:1 के आधार पर सेवा वर्ष की गिने जाएंगे। इसके तहत वहीं सविंदा कर्मी नियमित होंगे, जो पहले 15 साल की सेवा कर चुके हैं। ऐसे में केवल शिक्षाकर्मी और राजीव गांधी पैराटीचर्स ही नियमित हो पाएंगे। उनके अलावा सविंदाकर्मियों को वापस सविंदा पर ही कार्य करना होगा। सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र के वादे को भूल गई।1 लाख संविदा कर्मियों को संविदा से संविदा में डालकर स्थायीकरण का ढिंढोरा पीट रहे हैं जबकि इनके आईएएस पैटर्न 3: 1 के अनुसार मुश्किल से 7 हजार लोग स्थाई हो पाएंगे। इसलिए नियमों में संशोधन की मांग को लेकर 25 अप्रैल को जयपुर में 1 लाख संविदा कर्मी जुटेंगे। -रामजीत पटेल, प्रदेश प्रवक्ता, संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान
विभाग संख्या
शिक्षा विभाग 41423
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज 18326
अल्पसंख्यक विभाग 5697
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 44833
2007 में हुई थी विद्यार्थी मित्र भर्ती
विद्यार्थी मित्र 2007 में एक वर्ष के बॉन्ड पर संविदा कर्मी लगे थे। शिक्षा विभाग में 2007 में 24 हजार पदों पर विद्यार्थी मित्र संविदा आधारित भर्ती निदेशालय बीकानेर और शिक्षा विभाग की विज्ञप्ति पर लगे थे। इसमें तीन ग्रेड के आधार पर भर्ती हुई थी। विद्यार्थी मित्रों का संस्था की ओर से संतुष्टि पत्र मिलने के बाद सेवाकाल एक साल के लिए बढ़ाया जाता था। विद्यार्थी मित्र को ग्रेड के अनुसार वेतन मिलते थे। इसमें 2750 शुरुआती वेतन था।