जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को फिर विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद अब तीन दिसंबर को होने वाली मतगणना में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने प्रचार अभियान में भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया और ‘धर्म कार्ड’ चलाने की कोशिश की लेकिन लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया। प्रदेश की 200 में से 199 सीटों पर मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
वैसे, कांग्रेस नहीं, भाजपा भी बहुमत मिलने का दावा कर रही है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री गहलोत जीत को लेकर आश्वस्त हैं और भाजपा पर बाड़ेबंदी करने की जरूरत को लेकर बयान दे रहे हैं। वहीं, अब भाजपा की ओर से सीएम पर पलटवार किया गया है। प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि किसे बाड़ेबंदी की जरूरत होती है यह तो 3 दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चल जाएगा।
भाजपा नेताओ के बहकावे में नहीं आई जनता…
सीएम गहलोत ने संवाददाताओ से कहा,‘उनके केंद्रीय नेताओ की भाषा तो दंगे भड़काने वाली थी, लेकिन जनता ने उनकी परवाह नहीं की। जनता उनके भड़काने में नहीं आई।’ उन्होंने कहा, ‘उनका धार्मिक कार्ड चला नहीं, जो उन्होंने चलाने का जोर शोर से प्रयास किया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने क्या भाषा इस्तेमाल की? ऐसी भाषा को उचित नहीं कह सकते हैं, क्योंकि लोगों को भड़काने वाली बातों से चुनाव में तनाव पैदा होता है।’ गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जमकर वोटिंग हुई है। मैं समझता हूं कि अंडरकरंट की तरह माहौल बना है, राजस्थान में, जो खबरें आ रही हैं। बाकी तो तीन तारीख
को ही मालूम पड़ेगा कि क्या होता है।’
अरुण सिंह बोले, जनता भाजपा के साथ…
विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा पर बाड़ेबंदी करने की जरूरत को लेकर दिए बयान को लेकर भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने पलटवार किया हैं। अरुण सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसकी कितनी लोकप्रियता है और किसे बाड़ेबंदी की जरूरत पड़ेगी, यह तो 3 दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चल जाएगा। अरुण सिंह ने कहा कि प्रदेश में चुनाव प्रचार में रही सही कसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओ ने पूरा कर द दिया। उन्होंने कहा कि पीएम ने सभाओं के जरिए राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया। यही वजह है कि चुनाव में प्रदेश की जनता भाजपा के साथ खड़ी रही।