Rahul Gandhi in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले जहां बीजेपी का पूरा केंद्रीय नेतृत्व चुनावी मैदान में उतर चुका है वहीं कांग्रेस भी अब अपने नेता के जरिए चुनावी शंखनाद करने जा रही है जहां 9 अगस्त आदिवासी दिवस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी बांसवाड़ा में आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम में एक बड़ी जनसभा करेंगे. विश्व आदिवासी दिवस को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाकर चुनावों से पहले कांग्रेस और गहलोत सरकार बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है. जानकारी के मुताबिक राहुल की जनसभा को लेकर राजस्थान कांग्रेस के आला नेता बांसवाड़ा में डेरा डाले हुए हैं.
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और तीनों सह प्रभारी समेत कई बड़े नेता राहुल गांधी रैली को सफल बनाने के लिए घर-घर महाजनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. वहीं सीएम अशोक गहलोत भी कल बांसवाड़ा जाएंगे और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी जनसभा में मौजूद रहेंगे. दरअसल मानगढ़ धाम चार राज्यों के आदिवासियों के सबसे बड़े आस्था के केंद्र के रूप में जाना जाता है ऐसे में राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश पर भी कांग्रेस की नजरें हैं.
मालूम हो कि मानगढ़ में करीब 8 महीने पहले पीएम मोदी की एक जनसभा हुई थी जिसके कांग्रेस भी मेवाड़-वागड़ की 28 सीटों पर नजरें बनाए हुए हैं. इन 28 में से 17 सीटें एसटी रिजर्व है. राहुल के मानगढ़ दौरे को लेकर कांग्रेसी नेताओं का दावा है कि सभा में मोदी की 5 सभाओं से ज्यादा भीड़ आएगी और डोटासरा का कहना है कि भीड़ कंट्रोल नहीं होगी.
मेवाड़-वागड़ पर कांग्रेस का फोकस
बता दें कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति (आदिवासी समुदाय) के लिए 25 विधानसभा सीटें आरक्षित की गई है जहां आदिवासी वोटबैंक सालों से कांग्रेस के पाले में आता रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों में बीजेपी और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाने का काम किया है जिसके बाद कांग्रेस 2023 के चुनावों को देखते हुए आदिवासियों पर लगातार फोकस कर रही है.
2018 के चुनावों की बात करें तो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 25 सीटों में से कांग्रेस को 12 सीटें और बीजेपी को 9 सीटें मिली थी. वहीं 4 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे जिन्होंने बाद में कांग्रेस को समर्थन दिया था. इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 25 सीटों में से बीजेपी ने 18 और कांग्रेस ने मात्र 4 सीटें जीती थी.
मानगढ़ धाम में आदिवासियों की आस्था
इसके अलावा मानगढ़ धाम को ब्रिटिश सेना की ओर से 1913 में आदिवासी-भीलों के सामूहिक नरसंहार के लिए जाना जाता है जहां संत गोविंद गुरू के नेतृत्व में लगभग 1500 आदिवासियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और उन पर आजादी का आंदोलन चलाने का आरोप लगाया गया था, यहां तक कि यज्ञ और पूजा-अनुष्ठान से रोकने की कोशिश की गई थी. मालूम हो कि मानगढ़ धाम राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर बांसवाड़ा के आनंदपुरी के पास एक पहाड़ी पर है.
ताकत के साथ उतरी कांग्रेस
इधर राहुल के दौरे को लेकर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है जहां राहुल की जनसभा के लिए पार्टी ने कई लोगों को जिम्मेदारी दी है जिसके लिए भारत जोड़ो यात्रा की तरह ही एक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है जिसमें 10 लोगों को अहम जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा मीडिया समिति, प्रचार-प्रसार समिति, प्रोटोकॉल समिति बनाई गई है.