Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: राजधानी जयपुर में 5 दिसंबर को दिनदहाड़े श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोलियों से भूनकर हत्या करने के मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली है। इस पूरी वारदात में एक स्कूटी सवार भी हेमराज खटीक गंभीर रुप से घायल हो गया। जिसकी हालत अभी नाजूक बताई जा रही है। इस घटना के बाद पीड़ित हेमराज का पूरा परिवार दहशत में है। पीड़ित का कहना है कि उनके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए।
हेमराज पर किया बदमाशों ने फायर
मंगलवार दोपहर को स्कूटी पर दाने के कट्टे रखे हुए थे और पक्षियों को दाना डालकर वापस आ रहा था। इसी दौरान अचानक हथियारों से लैस बदमाशों ने हेमराज से स्कूटी छीनने का प्रयास किया। यह बदमाश गोगामेड़ी और नवीन की हत्या करने के बाद भाग रहे थे और स्कूटी छीन रहे थे। ऐसे में हेमराज ने उनसे मुकाबला किया और किसी भी सूरत में स्कूटी नहीं दूंगा।
जब हेमराज नहीं माना तो बदमाशों ने हेमराज की गर्दन पर बंदूक तान दी। हेमराज ने संघर्ष किया और इसी दौरान फायर कर दिया। एक गोली हेमराज की गर्दन और गाल को चीरती हुई आरपार हो गई। दूसरी गोली उसकी जांघ में लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद बदमाश स्कूटी लेकर फरार र हो गए। हेमराज को गंभीर अवस्था में जयपुर एसएमएस चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड में भर्ती कराया गया।
प्रशासन की संवेदनहीता आई सामने
मीडिया को जानकारी देते हुए अस्पताल में हेमराज के साथ मौजूद उनके रिश्तेदार लोकेश चंदेल का कहना है कि उनका इस पूरे मामले से कोई संबध नहीं है, लेकिन फिर भी वो इसमें लपेटे में आ गए है। जब हेमराज गोली लगने से घायल हो गया तो वह सबसे पहले वहां पहुंचा था। पहले उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने भर्ती करने से मना कर दिया। फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। वह हेमराज को गंभीर हालत में स्कूटर पर बैठाकर एसएमएस अस्पताल लेकर गया।
घर की आर्थिक स्थिति कमजोर!
बदमाशों की फायरिंग में घायल हेमराज उर्फ बाबूलाल पुत्र गोपीलाल खटीक हेमराज के माता-पिता बुजुर्ग है और वे देई में रहते हैं। हेमराज के तीन पुत्रियां हैं, जो प्राइवेट स्कूल जयपुर में अध्ययन रहते हैं। उसकी पत्नी सब्जियां बेचने का कार्य करती है और हेमराज पक्षियों का दाना चुग्गा बेचने का कार्य करता है। हेमराज की जानलेवा हालत के बाद अब परिवार पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है। बुजुर्ग माता-पिता को केवल यह बताया है कि दुर्घटना में बेटा घायल हो गया है।
सुध लेने कोई नहीं आया
लोकेश का कहना है कि अब तक कोई भी पुलिस या प्रशासन का अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आया है। न ही उन्हें किसी तरह का आश्वासन दिया गया है। हमारी एक ही मांग है कि समुचित इलाज और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था हो। वे मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं। अत: आर्थिक सहायता भी प्रदान की जानी चाहिए।