Jaipur: राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की विभिन्न समस्याओं के संबंध में शासन सचिव, वित्त (राजस्व) के.के. पाठक की अध्यक्षता गठित उच्च स्तरीय समिति ने शुक्रवार को शासन सचिवालय में आंतरिक बैठक आयोजित कर उनकी मांगों के संबंध में गहन चर्चा की गई।
पिछले 5 वर्षो में अर्जित राजस्व का विश्लेषण
पाठक ने बताया कि बैठक में पेट्रोल एवं डीजल के पिछले 5 वर्षो में अर्जित राजस्व का विश्लेषण किया गया। साथ ही, प्रदेश की पेट्रोल एवं डीजल की दरों का अन्य राज्यों में लागू दरों से तुलनात्मक अध्ययन भी किया गया। उन्होंने बताया कि स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) ने एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पेट्रोल एवं डीजल के संबंध में विस्तृत आकड़े भी प्रस्तुत किए। बैठक में संयुक्त शासन सचिव, कर (वित्त) श्रीमती नमृता वृष्णि, ओएसडी (टीआरसी) श्री नरेन्द्र सिंह शेखावत सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहें।
समाधान के लिए समिति का गठन
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने एसोसिएशन की समस्याओं के समाधान का तुरन्त निस्तारण करने के लिए शासन सचिव, वित्त (राजस्व) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसमें आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग, संयुक्त शासन सचिव वित्त (कर) विभाग, अतिरिक्त खाद्य आयुक्त एवं निदेशक, उपभोक्ता मामलात विभाग और उपायुक्त एवं उपशासन सचिव (द्वितीय) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सदस्य नियुक्त किए गए हैं।
1 अक्टूबर को बंद रहेगे पट्रोल
हनुमानगढ़ जिले में एसोसिएशन ने 28 सितंबर से रात 8 बजे से 10 बजे तक पंपों पर ब्लैकआउट कर पेट्रोल-डीजल की बिक्री बंद कर दी। आज शनिवार 30 सितंबर तक पंप संचालक वैट कम करने की दिशा में राज्य सरकार की ओर से किसी सकारात्मक पहल का इंतजार कर रहे है। इसके बाद 1 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पंप बंद रहेंगे, जबकि इसके बाद 2 अक्टूबर से पंप संचालक एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले पेट्रोल-डीजल पर वैट लागू करने का आश्वासन दिया गया। तब सरकार ने 10 दिन में कमेटी बनाकर पंजाब की तरह पेट्रोल-डीजल पर वैट लागू करने का आश्वासन दिया था।