Rajasthan CM Bhajanlal Cabinet: राजस्थान में नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ लेने के बाद से हर किसी की चर्चा का केंद्र मंत्रिमंडल बना हुआ है जहां प्रदेश के सियासी गलियारों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं कि कौन मंत्री बनने जा रहा है और किसे राज्य मंत्री बनाया जाएगा. हालांकि माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल की तस्वीर वरिष्ठता और युवाओं को साधने के साथ ही जातीय संतुलन के आधार पर बनाई जाएगी. इस बीच सीएम भजनलाल शर्मा शुक्रवार को अपना मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं.
सीएम शर्मा के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने गुरुवार को दिल्ली में पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात की है. सीएम की हाईकमान से मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि दिल्ली में मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर लग गई है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में बैठक में करीब 15 नामों पर सहमति बन गई है.
इसके अलावा सियासी जानकारों का कहना है कि नए मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठ चेहरों के साथ युवाओं को भी मौका मिल सकता है. वहीं कैबिनेट में आने वाले लोकसभा चुनाव की झलक भी दिखाई दे सकती है जिसमें जातिगत संतुलन के साथ ही कई सीटों को साधने की भी कवायद होगी.
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
बताया जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल में नए लोगों को मौका दिया जा सकता है और उन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है जो अभी तक मंत्री नहीं बने हैं. वहीं संतुलन के लिए कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्रालय दिए जाएंगे. इसके अलावा लोकसभा चुनावों से पहले जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की ओर बीजेपी दांव चल सकती है. 2023 के चुनावों की बात करें तो शेखावाटी बेल्ट में बीजेपी को नुकसान हुआ है जहां से जीते हुए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है.
राजपूत-दलित समुदाय से सधेंगे समीकरण
मालूम हो कि राजस्थान में राजपूत भाजपा का कोर वोट बैंक रहा है जहां पिछले चुनावों में बीजेपी को राजपूत समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ा था. वहीं इस बार बीजेपी के 17 विधायक जीते हैं जहां माना जा रहा है कि बीजेपी राजपूत विधायकों में से मंत्री बनाकर 2024 के चुनावों को देखते हुए बड़ा संदेश दे सकती है. इसके अलावा बीजेपी ने प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर दलित समाज को साधने की कोशिश की है और अब आगे मंत्रिमंडल में भी कई दलित चेहरे दिख सकते हैं.
जाट-आदिवासी और वैश्य भी दिखेंगे
इधर इस बार 12 जाट विधायक जीते हैं और लोकसभा चुनाव को देखते हुए जाट समुदाय से भी कई चेहरों को मंत्री पद दिया जा सकता है. इसके अलावा आदिवासी इलाकों में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बढ़ते उभार को देखते हुए बीजेपी आदिवासी बेल्ट से भी कई चेहरों को मंत्री बना सकती है. वहीं बीजेपी अपने कोर वोटबैंक वैश्य वर्ग को भी मंत्रिमंडल में साध सकती है.