जयपुर। राजस्थान में राइट हेल्थ को लेकर निजी डॉक्टरों की हड़ताल और प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद गंभीर हैं। इसे लेकर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर चिकित्सा विभाग उच्च अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को डॉक्टरों से बातचीत करने के निर्देश दिए और मुख्य सचिव को भी डॉक्टरों से सीधे बात करने के लिए निर्देशित किया।
जनसेवा को समझकर काम पर लौट जाएं डॉक्टर
अशोक गहलोत ने इस बैठक के जरिए डॉक्टरों से अपील की है कि वह अपने अपने काम पर वापस लौट जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राइट हेल्थ बिल निजी डॉक्टरों को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है। डॉक्टरों ने जो मांगे मांगी थी, उन्हें इसमें शामिल किया गया है। ऐसे में वे हड़ताल क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है। विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से या बिल पारित हुआ है। गहलोत ने कहा कि आम जीवन खतरे में है। मरीज इलाज के लिए दर-दर ना भटके इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टर जनसेवा को समझें और अपने काम पर वापस लौट जाए।
27 मार्च से देशभर में मेडिकल सेवाएं बंद करने का ऐलान
बता दें कि राइट टू हेल्थ को लेकर निजी डॉक्टर लगातार विरोध कर रहे हैं हालांकि बीच में का प्रतिनिधिमंडल सीएम अशोक गहलोत से मिला था और अपनी मांगी उनके सामने रखी थीं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी लगभग सभी मांगों पर सहमति भी जता दी थी। उसके बाद भी डॉक्टर्स का आंदोलन जारी रहा।
वहीं अब राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी डॉक्टरों ने 27 मार्च यानी सोमवार को देशभर में मेडिकल सेवाएं बंद का ऐलान किया है। ऐसे में अब राजस्थान ही नहीं देशभर में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि, बिल के विरोध में देशभर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से बंद किया जाएगा।