Jaipur News: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत लगातार अपनी बजट घोषणाओं को जमीन पर उतार रहे हैं जहां सरकार की ओर से एक-एक कर जनता को सौगात देने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में सीएम ने बुधवार को शांति एवं अहिंसा निदेशालय के ‘लोगो‘ का विमोचन करने के साथ ही जिला शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के लिए 33 पद स्वीकृत किए.
इसके अलावा विधानसभा चुनाव में निःशक्तजनों को मतदान देने जाने के दौरान सुविधा के लिए सीएम ने व्हील चेयर के लिए 8.76 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी है. वहीं जयपुर के हवामहल क्षेत्र में स्थानीय विधायक महेश जोशी के प्रयास रंग लाए जिसके बाद सरकार ने खुले नाले कवर करने के लिए 105 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं. वहीं नोहर के पुराने खालों की मरम्मत के लिए 58.50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.
शांति एवं अहिंसा निदेशालय के ‘लोगो‘ का विमोचन
मुख्यमंत्री ने शांति एवं अहिंसा निदेशालय के ‘लोगो‘ का विमोचन किया. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर विमोचन करते हुए कहा कि शांति एवं अहिंसा की राह पर चलते हुए राजस्थान का चहुंमुखी विकास किया जा रहा है और अब शांति एवं अहिंसा विभाग और निदेशालय द्वारा गांधी जी के सिद्धांतो और उनके जीवन दर्शन को घर-घर पहुंचाने का सबसे बड़ा काम किया जा रहा है जिससे युवा पीढ़ी सकारात्मक सोच के साथ प्रदेश के विकास में अहम योगदान निभाएगी.
निःशक्तजनों को वोटिंग के लिए मिलेगी व्हील चेयर
वहीं राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में निःशक्तजन मतदाताओं को मतदान केन्द्रों पर व्हील चेयर उपलब्ध कराई जाएगी जहां मुख्यमंत्री ने 10 हजार 72 व्हीलचेयर्स की खरीद के लिए 8.76 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है. मालूम हो कि राज्य में निःशक्तजन मतदाताओं की सुविधा के लिए वर्तमान में 10 हजार 734 व्हील चेयर्स उपलब्ध हैं. अब 10 हजार 72 अतिरिक्त व्हील चेयर्स की खरीद की जाएगी जिन्हें चुनाव के बाद अस्पतालों में में रखा जाएगा.
हवामहल क्षेत्र में खुले नाले होंगे कवर
जयपुर के हवामहल विधानसभा क्षेत्र में खुले नालों को ढका जाएगा और इसके साथ ही उनकी क्षतिग्रस्त दीवारों की भी मरम्मत होगी जिसके लिए 105 करोड़ रुपए की लागत के काम करवाए जाएंगे. मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्यों के लिए वित्तीय मंजूरी दी है.
गहलोत की इस स्वीकृति से हवामहल क्षेत्र के लोगों को नाले से आने वाली दुर्गंध, स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों तथा संभावित दुर्घटनाओं से निजात मिलेगी. इसके साथ ही, क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक इमारतों एवं सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने तथा पर्यटकों के आवागमन में सुगमता आएगी.
जिला शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के लिए 33 पद स्वीकृत
वहीं मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जिला शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के लिए सहायक लेखाधिकारी-प्रथम के 33 पद सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है जिससे प्रकोष्ठ के लिए जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यालयाध्यक्ष एवं आहरण अधिकारी के रूप में सहायक लेखाधिकारी-प्रथम के पदों को बनाया जाएगा.
गहलोत के इस निर्णय से जिला स्तर पर स्थापित शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठों का बेहतर संचालन हो पाएगा. गांधी दर्शन के प्रचार-प्रसार में प्रकोष्ठ की विभिन्न गतिविधियों का वृहद् स्तर पर आयोजन हो सकेगा और प्रदेशवासी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के आदर्शों एवं सिद्धान्तों से परिचित होकर उन्हें आत्मसात कर सकेंगे.