अजमेर के जेएलएन अस्पताल में आज एक स्कूल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी की आत्मदाह करने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल में परिजनों ने हंगामा मचा दिया। यह पूरा मामला नागौर जिले के पीलवा इलाके का है।
ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल नहीं कर रही थी रिलीव
नागौर के पीलवा इलाके के बस्सी स्कूल में 55 साल के रामसुख मेघवाल यहां पर सहायक प्रशासनिक अधिकारी थे थे। जो ट्रांसफर के बाद रिलीव नहीं होने से परेशान थे। उन्होंने इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल से कई बार बातचीत की लेकिन प्रिंसिपल ने उसे रिलीव नहीं किया। जिस से आहत आकर क्लर्क ने स्कूल परिसर में ही खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। जिससे वे करीब करीब 90% तक गंभीर रूप से झुलस गए।
आनन फानन उन्हें पीलवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत बेहद गंभीर होने के चलते उन्हें अजमेर के जेएलएन अस्पताल में रेफर किया गया था। यहां पर इलाज के दौरान आज क्लर्क में दम तोड़ दिया।
मामले के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रिंसिपल सीमा चंदेल और एक टीचर को पद से निलंबित कर दिया।
नागौर जिले के परबतसर क्षेत्र में पीलवा थाना क्षेत्र के ग्राम बस्सी के स्कूल के लिपिक रामसुख जी मेघवाल द्वारा कल आत्मदाह किया गया,अस्पताल में उपचार के दौरान रामसुख जी का निधन हो गया , स्कूल प्रबंधन से प्रताड़ीत होकर एक लिपिक को आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) March 3, 2023
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने कड़ी कार्रवाई की उठाई मांग
इस मामले पर दुख और आक्रोश जताते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट किया है उन्होंने कहा कि नागौर जिले के परबतसर क्षेत्र में पीलवा थाना क्षेत्र के ग्राम बस्सी के स्कूल के लिपिक रामसुख जी मेघवाल द्वारा कल आत्मदाह किया गया,अस्पताल में उपचार के दौरान रामसुख जी का निधन हो गया , स्कूल प्रबंधन से प्रताड़ीत होकर एक लिपिक को आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि यह हृदय को झकझोर कर देने वाला मामला है,मैने कल ही मामले को लेकर राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता की थी, पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होकर रामसुख जी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने वाले दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व सरपंच नसीर मौहम्मद ने बताया कि बस्सी स्कूल के एलडीसी रामसुख मेघवाल का पिछले दिनों पदोन्नति पर तबादला पीलवा स्कूल में हो गया था। रामसुख को प्रिंसिपल सीमा चंदेल व अन्य रिलीव नहीं कर रहे थे जिससे वह काफी डिप्रेशन में था। इसी तनाव के चलते उसने खुद को आग लगा ली थी। नसीर मौहम्मद ने कहा कि जब तक रामसुख के बच्चों को सरकारी नौकरी, मुआवजा व आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक शव नहीं उठाया जाएगा।
प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
मृतक रामसुख के परिजन और ग्रामीणों ने मोर्चरी के बाहर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और घटना के प्रति नाराजगी जताई। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार आक्रोशित लोगों से समझाइश का प्रयास कर रहे हैं।
ये है मामला
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पीलवा थानाधिकारी ने बताया कि मृतक ने स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल पर ट्रांसफर होने के बाद भी रिलीव ना करने का आरोप लगाया था उसने स्कूल के स्टाफ पर भी उसे लगातार परेशान करने का आरोप लगाया है। जिसमें 3 लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लिपिक रामसुख बस्सी का रहने वाला था और उसका ट्रांसफर 15 दिन पहले ही पीलवा स्कूल में हुआ था।
(इनपुट- नवीन वैष्णव)