Jan Samman video contest : जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सप्ताहभर से रेगुलर ट्वीट कर रहे थे कि जल्द ही प्रदेशवासियों को नई सौगात मिलने वाली है। ऐसे में हर किसी के जेहन में एक ही सवाल था कि आखिर सीएम गहलोत चुनावी साल में कौनसा पिटारा खोलने वाली है? लेकिन, अब इससे पर्दा उठ गया है। अब 10 सरकारी योजनाओं का प्रसार करने पर गहलोत सरकार आकर्षक पुरस्कार देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दोपहर 2 बजे ‘जन सम्मान वीडियो कॉन्टेस्ट’ लॉन्च किया। साथ ही सीएम गहलोत ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया। जिसमें बताया गया है कि ऐसी स्कीम क्यों लानी पड़ी और लाभार्थी किस प्रकार कॉन्टेस्ट में भाग ले सकते है।
ऐसे जीत सकते है लाखों के पुरस्कार
बता दें कि सरकार की 10 योजनाओं के लिए यह इनामी योजना है। लाभार्थियों को महंगाई राहत कैंप का वीडियो अपलोड करना होगा। साथ ही सरकार को हैशटैग करके वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करना होगा। वीडियो में बताया होगा कि लाभार्थी को कैसे सरकार की योजना से आर्थिक संबल मिला है। वीडियो अपलोड करने के बाद सरकार नकद इनाम की घोषणा करेगी। सरकार की जूरी विजेताओं का चयन करेगी। इसके लिए डीआईपीआर को जिम्मा सौंपा गया है।
पहला पुरस्कार एक लाख रुपए और 100 सान्त्वना पुरस्कार
जन सम्मान वीडियो कॉन्टेस्ट में शामिल होने वाली लाभार्थियों को पहला पुरस्कार एक लाख रुपए तक का दिया जाएगा। वहीं, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 50 हजार और तीसरे स्थान पर रहने वाले को 25 हजार रुपए का ईनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही 100 सान्त्वना पुरस्कार वाले लाभार्थियों को एक-एक हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। खास बात ये है कि गहलोत सरकार लाभार्थियों को रोजाना 2.75 लाख रुपए के इनाम देगी। ये योजना महीनेभर तक चलेगी और इस पर अनुमानित 1.5 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
सीएम ने जारी किया वीडियो संदेश
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ‘जन सम्मान वीडियो कॉन्टेस्ट’ लॉन्च करने के साथ ही वीडियो संदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के लिए महंगाई राहत शिविर काफी फायदेमंद साबित हुए है। शिविरों में करीब एक करोड़ 25 लाख परिवारों पंजीकरण कराया है, करीब 10 हजार किमी की यात्रा मैंने की। यह प्रतियोगिता ऐसी है जिसके माध्यम से आमजन जुड़ सकेगा, इसमें प्राइस रखे गए इसलिए कि नौजवानों को भी वीडियो बनाने का अवसर मिले और यह सोच करके यह यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही। उन्होंने कहा कि इस योजना का मकसद सिर्फ और सिर्फ यह है 15 लाख परिवार बच गए है, उनको जोड़ने का काम भी इसके माध्यम से हो सकेगा।
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