Ashok Gehlot : जयपुर। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार रिपीट करने को लेकर पूरी तरह कमर कस ली है। दिल्ली में आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर कांग्रेस की अहम बैठक होने जा रही है। मीटिंग में ‘मिशन रिपीट’ पर मंथन होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके है। वे वहां राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में चर्चा करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निवास पर होने वाली बैठक में सीएम गहलोत के अलावा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और तीनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़, अमृता धवन और काज़ी निजामुद्दीन मौजूद रहेंगे। साथ ही बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा और रघुवीर मीणा सरीखे कद्दावर कांग्रेस नेताओं के शामिल होने की चर्चाएं हैं। सीएम गहलोत दिल्ली में राजस्थान भवन का शिलान्यास भी करेंगे।
आलाकमान अपना सकता है ये फॉर्मूला
पहले दौर की बैठक के बाद राहुल, प्रियंका व सोनिया गांधी के साथ गहलोत-पायलट और प्रभारी रंधावा की फाइनल बैठक हो सकती है। इनसे अलग-अलग वन टू वन मुलाकात भी हो सकती है। कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में सरकार रिपीट कराने की आस लगाए बैठा है। इसके लिए यह जरूरी है कि गहलोत और पायलट के बीच चल रहा विवाद चुनाव से पहले थम जाएं। ताकि दोनों खेमें के नेता एकजुट होकर इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरे। वरिष्ठ नेताओं की मानें तो मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक में सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार को साथ में लाने में सफलता मिली। ऐसे में अब आलाकमान चाहता है कि राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले को अपनाया जाए। बता दें कि पहले आलाकमान की दोनों नेताओं के साथ 26 मई को बैठक होनी थी। लेकिन, ऐन वक्त मीटिंग टल गई थी।
30 मई को खत्म हो रहा है पायलट का अल्टीमेटम
पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हाल ही में पायलट ने जयपुर में भ्रष्टाचार और करप्शन को लेकर पहले अनशन किया और फिर अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा निकाली। यात्रा खत्म होते ही पायलट ने तीन मांगों को लेकर गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। पायलट ने कहा था कि उनकी तीन मांगों को इस महीने के अंत तक पूरा नहीं किया गया तो वो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। पायलट के अल्टीमेटम की समय सीमा 30 मई को खत्म हो रही है। ऐसे में किसी नए विवाद से बचने के लिए आलाकमान ने कमर कस ली है।
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