धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का सूखा पड़ा हुआ है। विधानसभा की नजरिए से ना सही लेकिन नगर परिषद के उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली है। ये चुनाव और जीत भले ही छोटी हो लेकिन भाजपा के लिए यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। क्योंकि भाजपा पूरे धौलपुर में कहीं नहीं है। यहां की 4 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास एक भी नहीं है।
शोभारानी के निलंबन से धौलपुर में भाजपा का सूखा
शोभा रानी कुशवाहा के जरिए साल 2018 में एक सीट जरूर बीजेपी के खाते में आई थी लेकिन 2022 के राज्यसभा चुनाव में शोभा रानी कुशवाहा की क्रॉस वोटिंग के चलते वे पार्टी से निलंबित कर दी गई हैं और अब तो शोभा रानी कुशवाहा कांग्रेस की तरफ झुकती चली जा रही हैं। बीते दिन अशोक गहलोत के धौलपुर दौरे में भी शोभा रानी कुशवाहा उनके कार्यक्रम में भी शामिल हुई थीं, इस मंच से गहलोत ने शोभारानी की तारीफ करते हुए कहा था कि इन्होंने 2020 में हमारी सरकार बचाने में सहयोग किया था।
कांग्रेस का ही चुना हुआ है परिषद का बोर्ड
ऐसे में बीजेपी के नगर परिषद के उप चुनाव में जीत मिलना खुद बीजेपी के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह सफलता इसलिए अहम है क्योंकि धौलपुर नगर परिषद का बोर्ड भी कांग्रेस का ही चुना हुआ है।
बता दें कि नगर परिषद के वार्ड नंबर 7 में उपचुनाव कराया गया था। यहां पर भाजपा के प्रत्याशी सत्य प्रकाश शर्मा ने कांग्रेस के समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी को हराते हुए इस सीट पर कब्जा जमा लिया है। सत्य प्रकाश शर्मा 4 वोटों से जीते हैं। हालांकि यह जीत बेहद छोटी है लेकिन धौलपुर की राजनीति के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा के लिए यह एक बड़ी सफलता है। जिसे भाजपा आने वाले विधानसभा चुनावों में भी कायम रखना चाहती