जयपुर: राजस्थान में बिपरजॉय का कहर अभी थम गया है लेकिन इस पर सियासत का दौर लगातार जारी है जहां हाल में सीएम अशोक गहलोत ने तूफान प्रभावित जिलों के क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था. इसके बाद राजस्थान बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बाड़मेर, चौहटन और सांचोर में तूफान प्रभावितों से मुलाकात कर हालातों का जायजा लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला था. वहीं अब पूनिया ने बाड़मेर, चौहटन, सांचोर में तूफान से हुए नुकसान का सर्वे कर पीड़ित लोगों को आर्थिक मुआवजा देने एवं अन्य जरूरी संबल देने की मांग करते हुए सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.
पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के शासन में लोगों के घर और लोगों की उम्मीदें डूब गई हैं. वहीं पत्र में पूनिया ने गहलोत से आग्रह किया है कि बिपरजॉय तूफान से विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में काफी जनहानि हुई है और कुछ जगह लोगों की आजीविका का सहारा पशुधन भी काल कलवित हो गया है.
ऐसे में मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध है कि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को हर तरीके की सहायता सहयोग अविलंब प्रदान करें. बता दें कि बिपरजॉय तूफान से प्रभावित बाड़मेर, चौहटन, सांचौर इत्यादि क्षेत्रों का सतीश पूनिया ने 22 जून को दिनभर जमीनी दौरा किया था.
‘गांवों-ढ़ाणियों के हालात बेहद खराब’
पूनिया ने गहलोत को पत्र में लिखा है कि जैसा कि आपके संज्ञान में है कि विगत दिनों आए बिपरजॉय तूफान से राजस्थान का विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र बाड़मेर, जोधपुर, पाली जालोर, सिरोही तथा अजमेर विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं और आपने भी हवाई सर्वेक्षण किया था.
वहीं आपके प्रवास के तत्पश्चात् मैनें भी बाड़मेर और जालौर के कुछ क्षेत्रों की जमीनी हकीकत जानने के लिए दौरा किया था जहां पाया कि बहुत दूरस्थ गांवों-ढ़ाणियों तक हालात बहुत कष्टकारक है और अभी भी कई गांव, ढ़ाणियां और घर जलमग्न होकर टापू बने हुए हैं. इसके अलावा लोगों के झोपड़े और कच्चे घर सहित पक्के मकानों को भी भारी नुकसान हुआ है.
‘सियासत से परे है यह पीड़ा’
वहीं पूनिया ने आगे कहा कि बहुत दूरस्थ क्षेत्रों में तो राज्य सरकार का कोई अधिकारी, कर्मचारी अभी तक प्रभावित क्षेत्र के लोगों की सुध-बुध लेने नहीं गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के इन पीड़ित प्रभावित लोगों की तकलीफ की घड़ी में हम सब साथ हैं और यह पीड़ा सियासत से परे है.
पूनिया ने पत्र में सरकार से कुछ मांग करते हुए कहा है कि प्रत्येक जिले की प्रशासनिक मशीनरी को सक्रिय कर उनको वस्तुस्थिति जानने के लिए दूरस्थ अंतिम छोर की गांव-ढ़ाणियो घरों तक भेजकर नुकसान की रिपोर्ट/सर्वे किया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा है कि इस दौरान जिन लोगों को भी नुकसान हुआ है जहां जनहानि, पशुहानि, छप्पर, झोपड़ी, कच्चे मकान पक्के मकान, गौशालाएं, दुकान, व्यापार उनका आंकलन करके तुरंत मुआवजा प्रदान किया जाए.