बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर के खाजूवाला में कोचिंग में पढ़ने वाली एक 20 वर्षीय दलित युवती के साथ दुष्कर्म कर हत्या का मामला गरमा गया है जहां मंगलवार सुबह नई धानमण्डी के बाहर 100 फुट रोड़ के पास एक शव मिलने से हड़कंप मच गया जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती को हॉस्पिटल पहुंचाया लेकिन युवती की मौत होने के बाद शव को पुलिस ने मोर्चरी में रखवा दिया. इस घटना के बाद से लगातार युवती के परिजनों का प्रदर्शन चल रहा है और वह नामजद मुल्जिमों की गिरफ्तारी के साथ ही अन्य मांगों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक बीकानेर तेजस्वनी गौतम तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया और बुधवार को दिनभर पुलिस के आला अधिकारियों ने खाजूवाला में डेरा डाल रखा है और गुस्साए परिजनों से समझाइश की जा रही है.
इधर घटना के बाद से लगातार युवती के परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी, सरकारी नौकरी और 1 करोड़ के मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं और थाने के बाहर ही धरना दे रहे हैं. हालांकि दिनभर चली प्रशासन से वार्ता के बाद अभी तक पीड़िता का पोस्टमॉर्टम भी नहीं हो पाया है. परिजनों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक वह युवती का पोस्ट मार्टम नहीं करवाएंगे.
2 पुलिसवाले सस्पेंड, जांच का भरोसा
वहीं इस गैंगरेप और हत्या के मामले पुलिसवालों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद बवाल और बढ़ गया जहां परिजनों की ओर से नाम बताए जाने के बाद दो पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया है.
इस घटना पर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IG) ओम प्रकाश पासवान ने बताया कि 20 साल की इस लड़की का शव मंगलवार को खाजूवाला इलाके में मिला था जहां उसके परिजनों ने तीन लोगों पर आरोप लगाए हैं जिनमें खजूवाला पुलिस स्टेशन में तैनात दो कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं.
बीजेपी हुई सरकार पर हमलावर
वहीं खाजूवाला मामले पर बीजेपी नेता गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं जहां बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने निशाना साधते हुए कहा कि मंत्री अपने बयानों में बलात्कार के मामलों को ही फर्जी बता दें लेकिन महिला दुराचार और दुष्कर्म के मामले में राजस्थान नंबर 1 पर है और खाजूवाला की घटना पूरा प्रदेश देख रहा है कि किस तरह से परिवार को प्रताड़ित और परेशान किया जा रहा है.
जोशी ने कहा कि राज्य में महिला ना एंबुलेंस में, ना घर पर, ना सड़क पर और ना खेत पर कहीं भी सुरक्षित नहीं है, अनेकों घटनाएं प्रदेश और देश की जानकारी में आती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता पीड़ित को न्याय मिले इसको लेकर खाजूवाला थाने के बाहर बैठे हैं.
इसके अलावा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने घटना पर कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है और जिनके कंधों पर महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, यदि वही पुलिस ऐसे कुकृत्यों में सहभागी है, तो इसे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता है.
राजे ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने खोखले दावों और झूठे प्रचार से जनता को सिर्फ गुमराह कर रही है जबकि हकीकत यह है कि महिला अपराधों की श्रेणी में राजस्थान की वर्तमान जैसी बदहाल स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई है. उन्होंने कहा कि बेटियों के आंसुओं से यह सरकार अपने पापों को सींच रही है और इन पापों का घड़ा जल्द भरने वाला है.
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि खाजूवाला में कम्प्यूटर क्लास अटेंड करने निकली एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या की घटना ने एक बार फिर से पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है और प्रदेश में बेटियां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं. एनसीआरबी का आंकड़ा चीख-चीख कर कह रहा कि राजस्थान में दुष्कर्म के मामले पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं लेकिन सत्ता की भांग पिए बैठे मुखिया जी एक अलग ही राग अलापते रहते हैं.
इस मामले में पुलिस की संलिप्तता और भी दुखःद है ऐसे में गृह विभाग संभालने वाले मुखिया को स्वयं की नाकामी पर शर्म आनी चाहिए. पूनिया ने मांग कर कहा कि इस पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच हो और दोनों कांस्टेबल सहित सभी मुजरिमों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.