जयपुर। गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के निर्णय को पलटते हुए कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत दी है। अब कर्मचारी के दो से ज्यादा संतान हो तो भी तीन साल बाद मूल वरिष्ठता का लाभ मिलेगा। प्रमोशन भी नहीं रोका जाएगा। वार्षिक वेतन वृद्धि भी नहीं रोकी जाएगी। कार्मिक विभाग ने गुरुवार को इसे लेकर संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है।
पिछली वसुंधरा सरकार ने दो से अधिक संतान होने पर सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति रोकने का प्रावधान किया था, लेकिन बाद में गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही दो से अधिक संतान वाले कार्मिकों को राहत देते हुए तीन वर्ष तक रोकी जाने वाली एसीपी को समाप्त कर दिया था।
प्रदेश में एक जून 2001 के बाद किसी सरकारी कर्मचारी की दो से अधिक संतान होने पर पांच वर्ष तक प्रमोशन नहीं मिलता था। साथ ही, दो से ज्यादा संतान होने पर तीन साल प्रमोशन रोकने का नियम भी लागू था। अब कार्मिक विभाग ने जो संशोधित आदेश निकाले हैं।
उसके मुताबिक संशोधन से प्रमोशन के साथ मूल वरिष्ठता भी मिलेगी। ऐसे में अब 2019-20 में जिनका प्रमोशन ड्यू, उसे उसी वर्ष से मिल सकेगा प्रमोशन, जबकि वेतन वृद्धि का वार्षिक लाभ भी तीन साल बाद मिल सकेगा । कार्मिक विभाग ने संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है।
ये खबर भी पढ़ें:- राजस्थान का सबसे बड़ा मायरा! भांजी की शादी में खर्च किए 3.21 करोड़
कर्मचारियों को मजबूरन तीसरी संतान को दत्तक बताना पड़ता था
पारिवारिक दबाव और सरकारी नियम की तलवार के बीच राज्य कर्मचारी तीसरी संतान होने पर अपनी एक संतान को दत्तक के रूप में घोषित कर देते थे, ताकि मिलने वाले लाभ में किसी प्रकार की कटौती नहीं हो सके । इस तरह की शिकायतें लगातार कार्मिक विभाग के पास पहुंच रही थीं। इसके बाद गहलोत सरकार ने दिसंबर 2021 को तीसरी संतान को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया था।
कार्मिक विभाग के अनुसार सरकार ने दो से अधिक संतान होने पर पदोन्नति रोकने का यह प्रावधान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लिया था। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी अनाथ आश्रम से या किसी भी पारिवारिक सदस्य से संतान दत्तक लेने से जनसंख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। ऐसे में उसकी संख्या कर्मचारियों की कु ल संतानों की संख्या में नहीं गिनी जाएगी।
ये खबर भी पढ़ें:-राजस्थान में हुआ बड़ा ऐलान, 2 से ज्यादा बच्चे होने पर मिलेंगे 50 हजार रुपए!