Annapurna Scheme: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इंदिरा रसोई का नाम बदलने की घोषणा की है। अब इंदिरा रसोई को फिर से अन्नपूर्णा रसोई कर दिया है। बता दे कि भजनलाल सरकार ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि पूरानी सरकार की किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। लेकिन जिन कुछ योजनाओं के नाम पिछली सरकार ने बदले थे, उनके नाम बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। भजनलाल सरकार ने इंदिरा रसोई का नाम बदलकर इसकी शुरुआत कर दी है।
कांग्रेस सरकार ने बदला था नाम
पूर्व भाजपा सरकार की योजना जिसका नाम कांग्रेस ने बदलकर इंदिरा रसोई योजना कर दिया था। पिछली बीजेपी सरकार के दौरान इस योजना का नाम अन्नपूर्णा रसोई था, जिसे गहलोत सरकार ने बदलकर इंदिरा रसोई योजना कर दिया था। कांग्रेस सरकार के समय इस योजना का काफी विस्तार भी हुआ और रसोईयों की संख्या एक हजार तक पहुंच गयी थी.
रोज लाखों लोग खाते है यहां पर खाना
हर दिन 2.45 लाख लोगों को आठ रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. यह योजना 550 से अधिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से संचालित की जा रही है। सरकार की ओर से रसोई संचालकों को प्रति थाली 17 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. सुबह 8.30 से 3 बजे तक और शाम 5 से 9 बजे तक रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोरोना में कारगर रही अन्नपूर्णा योजना
ऐसे में चर्चा है कि रसोई का नाम फिर से बदलकर अन्नपूर्णा रसोई किया जा सकता है. गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने 2020 में 213 निकायों में 358 रसोई के साथ इस योजना की शुरुआत की थी. अब योजना में रसोइयों की संख्या 1 हजार तक पहुंच गई है. कोरोना काल में इस योजना के तहत करीब 72 लाख लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया गया।