Rajasthan Vidhan Sabha : जयपुर। विधानसभा की कार्यवाही आज सुबह 11 बजे से एक बार फिर शुरू होगी। 24 जुलाई को भारी हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित की गई थी। आज का दिन 15वीं विधानसभा का अंतिम कार्य दिवस हो सकता है। बुधवार को सरकार की तरफ से पांच विधेयक पारित करवाए जाएंगे। इनमें राजस्थान कृषक राहत आयोग विधेयक, दिव्यांग विश्वविद्यालय विधेयक और नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक शामिल है। कार्यवाही के दौरान भाजपा सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। वहीं, सरकार की तरफ मणिपुर सहित अन्य मसलों पर भाजपा पर पलटवार किए जाने की संभावना है।
ये विधेयक विधानसभा में होंगे पेश
माना जा रहा है कि 15वीं विधानसभा का आज अंतिम कार्य दिन है। ऐसे में सरकार बकाया काम निपटाने के प्रयास करेंगी। सरकार की तरफ से आज विधानसभा में राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023, नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक-2023, राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक-2023 और महात्मा गांधी विकलांग विश्वविद्यालय विधेयक-2023 पारित किए जाएंगे। इसके अलावा 21 जुलाई को पुनर्स्थापित राजस्थान समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2023 भी पारित होने के आसार हैं।
फिर दिखेगा विपक्ष का हंगामा
विधानसभा में आज भी विपक्ष का हंगामा देखने को मिल सकता है। इसके लिए बीजेपी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बीजेपी ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सुबह 10 विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। जिसमें यह रणनीति तैयार की जाएगी कि किन-किन मुद्दों पर बीजेपी प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरेगी। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को कहा था कि बीजेपी नेता मदन दिलावर को विधानसभा की शेष कार्यवाही से निलंबित किया गया है, उन्हें वापस लेने की मांग विधानसभा में की जाएगी। ऐसे में यह तो साफ है कि बीजेपी अगर ऐसी मांग करती है तो विधानसभा में हंगामा होने के आसार है।
क्यों खास है कृषक ऋण राहत आयोग का गठन?
गहलोत सरकार आज विधानसभा में राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023 पेश करेगी। आयोग बनने के बाद कोई भी फाइनेंशियल संस्था जैसे बैंक या कंपनी जिसने किसानों को ऋण दिया है, वह किसी भी कारण से फसल खराब होने की हालत में कर्ज वसूली को लेकर उन पर वसूली का दवाब नहीं बना सकेंगे। किसान फसल खराब होने पर कर्ज माफी की मांग करते हुए इस आयोग में आवेदन कर सकेंगे। बिल पास होने के बाद यह आयोग किसानों और ऋण देने वाले बैकों या कंपनी के बीच सेटलमेंट को लेकर काम करेगा। यह एक न्यायलय की तरह काम करेगा। जिस तरह कोर्ट सुनवाई करेगा उसी तरह से किसानों की आरे से दिए गए परिवाद पर सुनवाई करेगा। किसानों पर ब्याज बढ़ाकर उन्हें कर्जे में लाने वालों पर आयोग लगाम कसने का काम करेगा। किसान की हालत अगर कर्जा चुकाने लायक नहीं होगी तो सभी तथ्यों और रिपोर्ट के आधार पर उसे संकटग्रस्त घोषित कर सके गा। संकटग्रस्त घोषित किसान से जबरदस्ती कर्जकी वसूली नहीं की जा सकेगी।
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