Rajasthan Free Food Packet Yojana: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक ने राजस्थान में 1 करोड़ 4 लाख लोगों मुफ्त फूड पैकेट देने के लिए राजस्थान फ्री फूड पैकेट योजना शुरू की थी। गहलोत ने इस योजना में गरीब परिवारों को भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था। प्रदेश में कोई भूखा न सोए के संकल्प को साकार करने वाली इस योजना के तहत पूरी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही थी। दिसंबर तक गरीबों को इस योजना के तहत फ्री फूड पैकेट भी मिले। लेकिन पिछले दो महीनों से इस योजना में मिलने वाले फूड पैकेट का कोई अता-पता तक नहीं है।
गहलोत ने राजस्थान में भजनलाल सरकार के बनने के बाद अपील की थी। भले ही योजनाओं का नाम चेंज कर दें पर सरकार पुरानी योजनाओं का बंद ना करें। सीएम भजनलाल भी कई बार कह चुके हैं कि पुरानी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा तो फ्री फूड पैकेट योजना का क्या हुआ?
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क्या बंद हो गई फ्री फूड पैकेट योजना?
दिसंबर के बाद फ्री फूड पैकेट योजना के तहत गरीबों को राशन क्यों नहीं मिला? इस पर भजनलाल सरकार की तरफ से कोई जवाब भी नहीं आया है। जबकि फूड पैकेट भी नहीं मिल रहे हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए लोगों का कहना है सरकार फिलहाल फूड पैकेट दे सकती है। लेकिन जिस तरह से डिले हो रहा है, उससे साफ जाहिर है कि लोकसभा चुनाव के बाद योजना पूरी तरह से बंद हो सकती है। जैसे फ्री मोबाइल योजना बंद हो गई है।
फूड पैकेट में क्या मिलता है?
गहलोत द्वारा शुरू की गई फ्री फूड पैकेट योजना में एक किलो चना दाल, एक किलो चीनी, आयोडाइज्ड नमक, एक लीटर सोयाबीन रिफाइण्ड खाद्य तेल, 100-100 ग्राम मिर्च पाडडर और धनिया पाउडर और 50 ग्राम हल्दी पाउडर निःशुल्क मिलता है। राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित लाभार्थी को अन्नपूर्णा फूड पैकेट मिलता है। जो खाद्य सुरक्षा योजना के तहत हर महीने गेहूं प्राप्त कर रहे हैं।
छात्रों की अटकी स्कॉलर्शिप
गहलोत सरकार ने राजीव गांधी स्कॉलर्शिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना शुरू की थी, जिसके तहत विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को स्कॉलर्शिप मिलती थी। लेकिन अब नहीं मिल रही है। भजनलाल को गहलोत ने इसको लेकर एक पत्र भी लिखा था। उन्होंने लिखा था कि हमारी सरकार ने 500 बच्चों को विदेश में निशुल्क पढ़ने के उद्देश्य से राजीव गांधी स्कॉलर्शिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना शुरू की थी। लेकिन नई सरकार में यह योजना अटक गई है। इससे विदेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 346 विद्यार्थियों को योजना में चयन के बावजूद स्कॉलर्शिप नहीं मिल पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस योजना को पुन: शुरू करने का आग्रह किया है।
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