बूंदी। प्रदेश के खेल और युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना ने बूंदी में फॉरेस्ट ऑफिसर से अभद्रता की थी। उस मामले में अब वन विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है और प्रदेश भर में वनकर्मियों का आंदोलन चल रहा है। आज इसे लेकर एसपी और कलेक्टर को वन संरक्षकों की पूरी टीम ने लेटर लिखा जिसने उनका कहना है कि उन्हें मंत्री अशोक चांदना से खतरा है। उन्होंने पुलिस की सुरक्षा की मांग की है।
पीड़ित अधिकारी ने कहा- मेरी जान को खतरा, स्टाफ भी डर में
उप वन संरक्षक यानी डीसीएफ टी मोहनराज ने बूंदी पुलिस अधीक्षक जय यादव और कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी को एक लेटर लिखा है। इस लेटर में उन्होंने कहा है कि बीते 28 मार्च को अशोक चांदना की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने का झूठा आरोप अशोक चांदना ने उन पर लगाया था। इसके साथ ही उन्होंने मुझे दूसरे राज्य का व्यक्ति बताया था और मुझे जान से मारने की धमकी दी थी। उन्होंने मेरे साथ अभद्रता पूर्ण भाषा का भी प्रयोग किया था। उन्होंने साफ-साफ कहा था कि आग के ढेर पर बैठे हो संभल जाओ।
कलेक्ट्रेट की किसी बैठक में नहीं होंगे शामिल
इस पत्र में लिखा है कि अशोक चांदना के इस व्यवहार के बाद से वह खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने अधीनस्थ कार्मिकों के खतरे में डालकर जिला कलेक्ट्रेट में किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। जब वह बैठक में होंगे ही नहीं तो राजकार्य में भी बाधा नहीं आएगी लेकिन उनसे जो कोई भी सूचना मांगी जाएगी वो उपलब्ध करा देंगे।
एकपक्षीय व्यवहार से आहत, मुझ पर लगाया झूठा आरोप
इस लेटर में टी मोहनराज ने कहा है कि खुद आप की मौजूदगी में ही मंत्री अशोक चांदना ने मुझे खून के आंसू रुलाने और जान से मारने की धमकी दी है और मुझे अपने विभाग का पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। जब मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मंत्री चांदना ने मुझे रोक दिया जो कि कहीं से भी सही नहीं है। मैंने अपना स्पष्टीकरण 29 मार्च को आपके पास भेज दिया लेकिन मेरे साथ ही मेरे साथ कम काम करने वाले सभी स्टाफ के मेंबर डरे हुए हैं। मुझे तो धमकी मिली ही है मेरे स्टाफ के साथ भी कुछ भी हो सकता है।
आंदोलन पर वन विभाग के कर्मचारी
बता दें कि इस मामले को लेकर राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ आंदोलन कर रहा है। उन्होंने एसडीएम से मिलकर सीएम अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी दिया है। उन्होंने मांग की है कि डीसीएफ टी मोहनराज के साथ अशोक चांदना ने जो अभद्रता की है। उस पर उन्हें डीसीएफ से माफी मांगने चाहिए, जब तक अशोक चांदना माफी नहीं मांग लेते आंदोलन जारी रहेगा और अगर वे आगे भी माफी नहीं मांगते हैं तो इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
अशोक चांदना ने बैठक में अधिकारी से की थी अभद्रता
बता दे कि अशोक चांदना ने बीते 28 मार्च को बूंदी में बैठक की थी। जिसमें कलेक्ट्रेट सभागार में उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों की मीटिंग ली थी। चांदना ने पीडब्ल्यूडी और जलदाय विभाग के अधिकारियों के कार्यों में वन विभाग की ओर से अवरोध पैदा करने को लेकर आग बबूला होते हुए डीएफओ टी मोहनराज से अभद्रता की थी।
आग के ढेर पर बैठे हो- अशोक चांदना
बेहद तल्ख भाषा का प्रयोग करते हुए टी मोहनराज से अशोक चांदना ने कहा था कि आप वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण पर रोक लगाने में नाकाम रहे हैं,आप एहसान फरामोश हैं। ध्यान रहे कि आप आप के ढेर पर बैठे हो और इस ढेर पर बैठकर आप इतना खतरनाक खेल खेल रहे हो। चांदना ने कहा था कि उनका समय आने दो, जब समय आ जाएगा ना तो वह 8 महीने के जहर के घूंट का हिसाब लेंगे। उनकी पूरी नौकरी में उनके द्वारा खाया पिया एक ही झटके में बाहर निकल जाएगा।