अलवर। जयपुर एसीबी की टीम ने अलवर में 15 लाख की घूस लेते पकड़े गए ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा और उसके सहयोगी बाबूलाल को पेश किया। अदालत ने दोनों घूसखोर आरोपियों को 5 दिन का पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। एसीबी के एएसपी हिमांशु ने बताया कि एसीबी अधिकारियों ने शुक्रवार को दोनों को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए पीसी रिमांड मांगा। जहां से एसीबी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को पांच दिन का पीसी रिमांड भेज दिया।
बता दें कि जयपुर एसीबी ने ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा और दलाल अलवर के मुंडावर के उप पंजीयक कार्यालय में कार्यरत लिपिक बाबूलाल को 15 लाख की घूस लेते हुए नीमराना में गिरफ्तार किया था। हरियाणा निवासी परिवादी ने जयपुर एसीबी में शिकायत दी थी कि प्रवर्तन निदेशालय इंफाल, मणिपुर में दर्ज चिटफंड प्रकरण में उसके विरूद्ध मामले को निपटाने प्रोपर्टी अटैच नहीं करने एवं गिरफ्तार नहीं करने की एवज में ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा ने 17 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर उसे परेशान किया जा रहा है।
एसीबी ने शिकायत के बाद कराया सत्यापन और सत्यापन के बाद ट्रैप की कार्रवाई की थी। ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा रिश्वत की राशि के लिए ही छुट्टी पर आया था। वहीं दलाल खैरथल तिजारा जिले के मुंडावर के सब रजिस्ट्रार ऑफिस में लिपिक का काम करता है। दोनों आरोपी जयपुर के निवासी हैं।
यह रिश्वत की राशि नीमराना में देना तय हुआ था और परिवादी हरियाणा का रहने वाला है। मुंडावर के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत लिपिक बाबूलाल नीमराना के पास रहता है। एसीबी ने बताया कि ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा दलाल के माध्यम से रिश्वत वसूलता है। एसीबी को जांच में पता चला चला कि आरोपी नवल किशोर मीणा दिल्ली से आसपास की पार्टी पीड़ितों से रिश्वत राशि का लेनदेन मुंडावर में कार्यरत साथी करता है।
राजस्थान में चुनाव के कारण ही नीमराना चुना गया…
राजस्थान में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। इसलिए यहां पर सीमावर्ती इलाकों में चैकिंग नाके लगाए गए हैं। इतनी बड़ी राशि परिवादी को उनके गांव तक पहुंचाना बड़ा मुश्किल काम था। इसलिए इन्होंने नीमराना का स्थान चुना, क्योंकि नीमराना हरियाणा बॉर्डर पर स्थित है।