अलवर। दोस्ती दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता माना जाता है। कहते है कि सच्ची दोस्ती के लिए दोस्त अपनी जान को भी दांव पर लगा देता है। कुछ ऐसा ही मामला राजस्थान के अलवर जिले में सामने आया है। जहां एक युवक ने दोस्ती के लिए मौत को गले लगा लिया। वहीं, उसका दोस्त भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
दरअसल, तीन-चार दिन पहले ट्रेन में मुनफेद और अमित के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इसी का बदला लेने के लिए मुनफेद ने अपने 8-10 साथियों के साथ मिलकर अमित पर हमला बोल दिया। यह देख योगेंद्र ने अपने दोस्त अमित को बचाने के लिए कोशिश की। लेकिन, दोस्त को बचाने के चक्कर में उसकी जान चली गई। यह घटना जिले के खैरथल थाना इलाके के खिरचगी गांव में गुरुवार शाम को घटित हुई, जब दोनों दोस्त जिम जाने के लिए अपने घर से निकले थे।
थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक योगेंद्र और अमित निवासी खिरचगी गांव में ही बस स्थित जिम जा रहे थे। तभी 3 बाइकों पर सवार होकर आए 8-9 लोगों ने अमित पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। जब योगेंद्र ने दोस्त को बचाने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसे भी बुरी तरह लहुलुहान कर दिया। इस हादसे में दोस्त योगेंद्र की मौत हो गई। वहीं, अमित का खैरथल के सरकार अस्पताल में उपचार जारी है।
आरोपियों ने इसलिए किया हमला
पुलिस के मुताबिक दांतला निवासी मुनफेद का कुछ दिन पहले ट्रेन में अमित से झगड़ा हो गया था। इसी रंजिश के चलते मुनफेद ने अपने साथियों के साथ मिलकर अमित पर चाकू से हमला किया। जिसमें दोस्त को बचाने वाले योगेंद्र की मौत हो गई। पुलिस ने शव को अलवर के जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। वहीं, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी है।
युवक की मौत के बाद धरने पर बैठे लोग
इधर, युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे गए। सूचना मिलते ही विधायक दीपचंद खैरिया और पूर्व विधायक रामहेत यादव भी खिरचगी गांव पहुंचे। नेताओं और पुलिस ने ग्रामीणों से समझाइश की। लेकिन, वो नहीं माने और धरना-प्रदर्शन दोपहर बाद भी जारी है। ग्रामीणों की मांग है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तार किया जाएं। साथ ही मृतक के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा, सरकारी नौकरी और घायल को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएं।