अजमेर: राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी बिसात बिछ गई है जहां कांग्रेस ने सुलह के रास्ते बीजेपी के खिलाफ एकजुटता से जंग का ऐलान कर दिया है वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी 31 मई को अजमेर में बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने पहुंच रहे हैं. 2018 के चुनावों की तर्ज पर पीएम एक बार फिर अजमेर में एक जनसभा कर कांग्रेस पर हमला बोलेंगे. पीएम के दौरे को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक वह केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर अजमेर के कायड़ विश्रामस्थली में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे.
वहीं इससे पहले पीएम तीर्थ नगरी पुष्कर जाकर सरोवर की पूजा-अर्चना के साथ ही ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करेंगे. मालूम हो कि पीएम इससे पहले 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर आए थे जहां कायड़ विश्रामस्थली में ही जनसभा को संबोधित किया था. अब पीएम का पुष्कर और अजमेर दौरा सियासत और धार्मिक दोनों एंगल से जोड़कर देखा जा रहा है.
वहीं अजमेर के कायड़ विश्राम स्थली में होने वाली पीएम की जनसभा को लेकर बीजेपी नेता पिछले एक हफ्ते से तैयारियों में लगे हुए हैं. वहीं पीएम मोदी के अजमेर दौरे के बाद बीजेपी के “संपर्क से समर्थन” कार्यक्रम की शुरुआत भी होने जा रही है. अभी अजमेर संभाग की 29 विधानसभा सीटों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के पास 13 सीटें हैं. वहीं अजमेर बीजेपी का गढ़ रहा है ऐसे में रणनीति के तहत बीजेपी अपनी मजबूत रही सीटों को पहले साधना चाहती है.
कर्नाटक के बाद अहम है राजस्थान
बता दें कि बीजेपी को हाल में कर्नाटक चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है जिसके बाद राजस्थान में चुनाव काफी अहम हो जाते हैं. इसके साथ ही बीजेपी में सीएम फेस को लेकर चल रही आंतरिक गुटबाजी को भी खत्म करने की मियांद अब खत्म होने की कगार पर है. हालांकि बीजेपी ने कई बार साफ किया है कि राजस्थान में चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा.
इसके अलावा कर्नाटक में गहलोत सरकार की योजनाओं के सहारे कांग्रेस को फायदा मिला जिसके बाद राजस्थान में यही प्रयोग धरातल पर किया जाना है. वहीं पिछली बार अजमेर दौरे पर पीएम पुष्कर नहीं गए थे और जिस जगह मोदी की जनसभा हुई वहां अजमेर में 8 सीटों में से 5 पर बीजेपी को जीत मिली थी. मालूम हो कि पिछले 5 महीनों में पीएम मोदी 3 बार राजस्थान दौरे पर आए हैं जहां मई महीने में उन्होंने नाथद्वारा और आबूरोड का दौरा किया था.
अजमेर संभाग में 29 विधानसभा सीटें
वर्तमान की बात करें तो अजमेर संभाग की 29 विधानसभा सीटों में बीजेपी के पास 13 सीटें हैं और 13 सीटों पर कांग्रेस की सत्ता है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नागौर और टोंक में काफी नुकसान हुआ जहां एक जगह पायलट तो दूसरी जगह बेनीवाल फैक्टर ने काम किया. इसके अलावा अजमेर जिले की 8 सीटों में बीजेपी 5 और कांग्रेस दो सीटों पर है.
वहीं एक सीट पर निर्दलीय विधायक है. वहीं नागौर जिले में 6 सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं. इसके अलावा दो सीटों पर आरएलपी के विधायक है. वहीं टोंक जिले की 4 विधानसभा सीटों में एक बीजेपी और 3 सीट पर कांग्रेस है और भीलवाड़ा जिले की 7 सीटों में बीजेपी के पास 5 और कांग्रेस के पास 2 सीटे हैं.