CHO Recruitment Exam : जयपुर। लोकसभा चुनावों में प्रदेश के युवा वर्ग को साधने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पेपरलीक होने के बाद रद्द की सीएचओ भर्ती परीक्षा को दुबारा कराने का फैसला लिया है। अब ये परीक्षा तीन मार्च को आयोजित की जाएगी। 3531 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में 82 हजार आवेदन आए थे।
स्वास्थ्य विभाग की ये परीक्षा इसी साल 1 फरवरी को आयोजित हुई थी, जिसे लेकर एक महिला अभ्यर्थी ने परीक्षा से पहले फोन पर पेपर आने का आरोप लगाया था। उस समय विपक्ष के रूप में भाजपा ने मामले की जांच करने और परीक्षा को रद्द करने का मांग की थी, ऐसे में भाजपा की नई सरकार बनते ही सीएम भजन लाल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की बैठक में अधिकारियों को इस परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण पूछते हुए यह भर्ती रद्द करने का प्रस्ताव मांगा था।
हमें भी तैयारी का मौका मिले
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखते हुए कहा कि यदि राज्य में बेहतर कार्य करने हेतु मंत्रिमण्डल गठन में समय लिया जा सकता है तो क्या हम विद्यार्थी बेहतर तैयारी हेतु समय नहीं मांग सकते….2013 की RAS भर्ती 2016 में पूरी की, 2016 की भर्ती 2019 में पूरी की, 2018 की भर्ती 2021 में पूरी की, 2021 की भर्ती प्रक्षिक्षण प्रारम्भ 2024 में शायद हो पाए। आगे कहा कि जब 2023 की भर्ती में अगर 3 महीने मांग रहे हैं तो इसमें क्या अनुचित है।
आरएएस मेंस परीक्षा आगे बढ़ाने की मांग
वहीं, प्रदेश में प्रशासनिक सेवा की सबसे बड़ी परीक्षा आरएएस मुख्य एग्जाम की तारीख आगे बढ़ाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। कई अभ्यर्थी तिथि को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। वहीं, अब एक अभ्यर्थी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अजीबोगरीब पत्र लिखकर आरएएस मुख्य परीक्षा के लिए ओर अधिक समय देने की मांग की है। इससे पहले कई विधायकों ने भी सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर मुख्य परीक्षा की तारीख को स्थगित करने की मांग की हैं। अभ्यर्थियों ने प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को ज्ञापन दिया।
अभ्यर्थियों की विचारित सूची जारी
वहीं राजस्थान लोक सेवा आयोग ने स्वायत्त शासन विभाग के सहायक अभियंता-सिविल के पदों के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षा-2022 के तहत पात्रता जांच के लिए अभ्यर्थियों की विचारित सूची जारी की है। इसमें 110 अभ्यर्थियों को पात्रता जांच के लिए अस्थाई रूप से विचारित सूची में शामिल किया गया है। आयोग सचिव ने बताया कि विचारित सूची चयन या वरियता सूची नहीं है। इसका उद्देश्य मात्र दस्तावेज सत्यापन के माध्यम से चयन प्रक्रिया में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों की अभ्यर्थिता सुनिश्चित करना है। अभ्यर्थियों की पात्रता जांच विज्ञापन की शर्तों/नियमों के अनुसार की जाएगी।
पेपरलीक पर हमलावर रही थी भाजपा
सीएम के इस कदम को पेपरलीक मामलों में ठोस कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल तत्कालीन कांग्स सरकार के सम रे य हु ए पेपरलीक पर भाजपा ने जमकर हंगामा किया था और अपनी सरकार बनने पर सभी पेपर लीक की जांच करने की कही थी। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनावों में मुद्दा बनने से पहले ही इस परीक्षा को रद्द कर सरकार ने युवा वर्ग को अपनी ओर साधने की कोशिश की है। सीएचओ परीक्षा का पेपर लीक मामला सामने आने पर बेराजगार संघ ने भी इस परीक्षा को वापस कराने की मांग की।
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