सीकर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति को बहुत सोच-विचार कर विद्यार्थी हित में इस तरह से तैयार किया गया है कि विद्यार्थियों का इससे सर्वांगीण विकास हो। उन्होंने कहा कि इसमें इस (Shekhawati University) बात का ध्यान रखा गया है कि विद्यार्थी किसी एक विषय विशेष में नहीं बल्कि थोड़ा-थोड़ा सभी विषयों में निष्णात हो। राजस्थान शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर के तृतीय दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी शिक्षा का समुचित उपयोग समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा सांस्कृतिक प्रक्रिया है। इसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान, एवं कला-कौशल में वृद्धि कर सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने आह्वान किया कि विश्वविद्यालयों ऐसी शिक्षा के केंद्र बनें, जिनके जरिए देश के लिए हम भविष्य के श्रेष्ठतम नागरिक तैयार कर सकें।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में 17 ऐसे पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जो रोजगारोन्मुख हैं। विश्वविद्यालय में लोक शिक्षण की पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए हिस्ट्री म्यूजियम की स्थापना की गई है।
विद्यार्थियों को उपाधियां
वितरित समारोह में राज्यपाल द्वारा 70 स्वर्ण पदक श्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों को प्रदान किए गए। समारोह में कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि, खेल स्नातक, स्नात्तकोत्तर, शिक्षा स्नातक, स्नात्तकोत्तर सहित अन्य संकायों के कुल एक लाख 77 हजार 146 विद्यार्थियों को वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की उपाधियां वितरित की गईं। समारोह में जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव, पुलिस अधीक्षक करण शर्मा, विश्वविद्यालय के कुल सचिव राजवीर सिंह चौधरी सहित विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य, प्रबंध मंडल सदस्य, शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।
युवा अधिकारों के साथ कर्तव्य बोध से भी जुड़े रहें
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क की स्थापना के पीछे भी मंशा यही रही है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा अधिकारों के साथ कर्तव्य बोध से भी जुड़े रहें। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा क्रिकेट एवं अन्य खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक पर्यटन, मानवाधिकारों, सामाजिक अंकेक्षण, साइबर क्राइम व फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों का पाठ्यक्रम में समावेश किए जाने की सराहना की।
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