Combat Against Paper Leak Issue: राजस्थान ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पेपरलीक के मुद्दे को खूब भुनाया। इस मुद्दे ने अशोक गहलोत सरकार की विदाई में बड़ी भूमिका निभाई। भाजपा ने चुनावी रैली के दौरान पेपरलीक के मुद्दे पर विपक्ष पर खूब तीखे प्रहार किए। यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैलियों के दौरान पेपरलीक मामले पर गहलोत सरकार को खूब ललकारा था। अब मोदी सरकार ने लोकसभा में पेपरलीक कानून को पेश किया है जिसके तहत पेपरलीक माफियाओं को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
भजनलाल सरकार ने किया SIT का गठन
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने बनते ही सबसे पहले पेपरलीक की घटनाओं की जांच के लिए SIT का गठन किया। विधानसभा के 16वें सत्र में पेपरलीक का मुद्दा खूब गूंजा। अब मोदी सरकार पेपर लीक की रोकथाम को लेकर नया कानून लेकर आई है। सोमवार को लोकसभा में ध्वनिमत से ‘लोक परीक्षा विधेयक’ पारित कर दिया। इस विधेयक में भर्ती परीक्षा में संलिप्त होने वालों पर एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने और 10 साल की सजा का प्रावधान है।
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राष्ट्रपति की मुहर लगते ही बनेगा कानून
‘लोक परीक्षा विधेयक’ लोकसभा में पारित हो गया है। अब इसे संसद के उच्च सदन राज्यसभा की पटल पर रखा जाएगा। राज्यसभा में विधेयक के पारित होते ही राष्ट्रपति की टेबल पर जाएगा और वहां मुहर लगते ही कानून बन जाएगा। यह कानून पेपरलीक जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा ने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
पेपरलीक की भेंट चढ़ी ये भर्तियां
पूरे देश समेत राजस्थान में भी पिछले 8 सालों में रीट भर्ती, सैकंड ग्रेड, व्यख्याता भर्ती, पुलिस कांस्टेबल भर्ती समेत अलग-अलग कई भर्तियों में पेपरलीक मामले में 13 प्रकरण चल रहे हैं, जिसमें कई सरकार कर्मचारियों के साथ-साथ अभ्यर्थी भी शामिल हैं।
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