Rajasthan : देश की तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने राजस्थान सरकार की ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ में रुचि दिखाई है। इस योजना के तहत राज्य में 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जाना है। सरकार उच्च स्तरीय समिति तकनीकी बोलियों के मूल्यांकन के बाद इस महीने ही इस बारे में कोई फैसला कर लेगी।
राज्य सरकार की इस परियोजना के लिए आई तकनीकी बोलियों की जांच की गई। परियोजना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि तकनीकी बोलियों की जांच की गई। बोली पेश करने वाली चार में से तीन कंपनियां इसमें शामिल हुईं, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल के साथ साथ एयरटेल और रिलायंस जियो भी शामिल है।
निविदा पेश करने वाली निजी कंपनी वोडाफोन शामिल नहीं
सरकार इस प्रक्रिया को जल्दी ही पूरा करना चाहती है ताकि अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस बजटीय घोषणा को अमली जामा पहनाया जा सके। परियोजना की कुल लागत 12000 करोड़ रुपए है। अब एक उच्च स्तरीय समिति निविदाओं का आकलन कर आगे फैसला करेगी। अधिकारियों को उम्मीद है योजना के तहत स्मार्टफोन की पहली खेप दिवाली से पहले सरकार को मिल सकती है।
सीएम ने बजट में की थी घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ की घोषणा की थी। इसके तहत राज्य में 1.35 करोड़ ‘चिरंजीवी परिवारों’ की महिला मुखिया को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्ट फोन दिया जाना है। फोन में तीन साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी।
12000 करोड़ की योजना
परियोजना का जिम्मा सरकारी कंपनी राजकॉम्प के पास है। अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल फोन, तीन साल के इंटरनेट सहित अन्य मदों को मिलाकर यह परियोजना लगभग 12000 करोड़ की है। इस मोबाइल का उपयोग सरकार ‘चिरंजीवी परिवारों’ को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए करेगी। इसके साथ ही, वह इसके जरिए अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार भी कर सकेगी और उसके पास योजनाओं का लाभ लेने वालों का डाटा रहेगा। इसके अलावा दिए जाने वाले मोबाइल में दो सिम लग सकेंगे और इसके ‘प्राइमरी स्लॉट’ में सिम पहले से ही एक्टिवेट कर दिया जाएगा। इसे बदला नहीं जा सकेगा। मोबाइल का उपयोग उचित लाभान्वित ही करें इसके िलए इसमें कई उपाय किए जा रहे हैं।