Rajasthan : 5 अगस्त को जयपुर में पूरे प्रदेश भर से 12 हजार सरपंच महापड़ाव डालेंगे। प्रदेश के पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ( Ramesh Meena ) के बयान के खिलाफ और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा ये सरपंच जयपुर में प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले बीते सोमवार को प्रदेश भर के सरपंचों ने मुख्यमंत्री ( CM Ashok Gehlot) के नाम जिला कलेक्टर्स को ज्ञापन दिया। बता दें कि कुछ दिन पहले पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने सरपंचों के खिलाफ एक बयान दिया था, जिसके बाद पूरे प्रदेश के सरंपचों ने रमेश मीणा के इस बयान की घोर निंदा की थी। सरपंचों ने रमेश मीणा के इस्तीफे की मांग भी की है।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
सरपंचों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि 6 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok gehlot ) से कुछ मांगों को लेकर समझौता हुआ था। लेकिन वे मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। दूसरी तरफ 21 मार्च 2022 को भी पंचायती राज मंत्री के साथ भी मांगों को लेकर समझौता हुआ था, तब मंत्री ने 15 दिनों के भीतर मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था। उस समझौते को 6 महीने हो गए हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है। इससेस प्रदेश के सरपंचों में इस सरकार के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है।
सरपंचों की ये हैं मांगे
प्रदेश के सरपंचों ने मुख्यमंत्री ( CM Ashok Gehlot ) से कुछ मांगे की थी। इसमें टेंडर प्रक्रिया में संशोधन, ग्रामीणों की सुविधा के लिए सड़कों, पानी की टंकी, हैंडपंप, NGO की ओर से ऑडिट जांच बंद करने और जांच पहले की तरह कराना, पाइपलाइन और कई विकास कार्यों को पूरा करवाने की मांग की है। सरपंचों ने मनरेगा का बकाया भुगतान 7 दिनों में जारी करने, राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग की बकाया राशि जारी करने की मांग की है। इसके अलावा मनरेगा में मस्टर रोल जारी करने का अधिकार ग्राम पंचायत स्तर पर दिए जाने और पंचायत में भुगतान की प्रकिया को सरल करने की मांग की है।
नरेगा सामग्री का 17 महीने से बकाया भुगतान
सरपंचों का कहना है कि मनरेगा सामग्री का भुगतान पिछले 17 महीने से लंबित पड़ा है। हम इस बकाए की मांग करते है तो पंचायती राज विभाग के उच्च अधिकारी अलग-अलग आदेश जारी कर देते हैं, तमाम जांच पड़ताल के नाम पर सरपंचों को परेशान करते हैं। सरपंचो ने ,सरकार से इऩ अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा सरपंचो ने ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की भी मांग कर रहे हैं।
मंत्री रमेश मीणा के बयान पर नाराजगी
सरपंचों के महापड़ाव का एक और बड़ा कारण प्रदेश के पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा का दिया हुआ बयान है। दरअसल रमेश मीणा ने सरपंचों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बाड़मेर और नागौर में मनरेगा में 300 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। रमेश मीणा के इस बयान पर सरपंचों ने मंत्री और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सरपंचों ने रमेश मीणा की इस्तीफे की जोरदार मांग कर रहे हैं।