Rajasthan : अफ्रीकी देश कांगो में शांति मिशन के दौरान शहीद हुए राजस्थान के दो BSF जवानों में से एक शहीद जवान शिशुपाल का आज राजकीय सम्मान के साथ सीकर में अंतिम विदाई दी गई। शहीद की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा। लोगों ने वंदे मातरम् का नारा लगाते हुए शहीद जवान शिशुपाल को अंतिम विदाई थी। PCC अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सीकर स्थित शहीद के गांव पहुंचकर उसकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। उन्होंने शहीद शिशुपाल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
तिरंगा यात्रा के साथ पैतृक गांव पहुंची पार्थिव देह
शहीद के अंतिम दर्शन करते वक्त उनकी पत्नी और बच्चे बेहद भावुक हो गए। उनकी पत्नी कमला देवी ने अपने शहीद पति को सलाम किया और वंदे मातरम कहते हुए श्रद्धांजलि दी। कलेजा चीर देने वाला ये नजारा देखकर कोई भी अपने आंसू रोक नहीं पाया। शहीद शिशुपाल के बेटे प्रशांत ने अपने पिता की चिता को अग्नि दी। उसने पिता के अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रियाएं और रस्में पूरी की।
बता दें कि आज सुबह 10 बजे ही शहीद शिशुपाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा था। BSF जवानों के साथ 126 बटालियन के एम एल बिश्नोई शहीद का पार्थिव शरीर लेकर बीती शाम बलारां थाने में पहुंचे थे। यहां से तिरंगा यात्रा निकाली गई। जिसमें पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद शिशुपाल को सिंगोदड़ा, ढोलास, खीरवा और डुडवा होते हुए शहीद के गांव बगड़िया का बास पहुंची। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी पहुंचे थे। उन्होंने शहीद शिशुपाल को अपनी श्रद्धांजलि दी।
शहीद के नाम पर होगा गांव के स्कूल का नामकरण- डोटासरा
PCC चीफ डोटासरा ने कहा कि शहीद के परिवार के लिए सभी राजनीतिक दल एक साथ खड़े हैं। इस परिवार को कभी भी कोई समस्या नहीं आऩे दी जाएगी। डोटासरा ने कहा कि इस गांव के स्कूल का नामकरण शहीद शिशुपाल के नाम पर किया जाएगा। इसके अलावा शहीद की डॉक्टर बेटी के लिए गांव में एक पीएचसी खोली जाएगी। दूसरी तरफ पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्य़क्ष ने गांव में शहीद की मूर्ति बनवाने की घोषणा की।
शहीद सांवलाराम का भी आज होगा अंतिम संस्कार
वहीं बाड़मेर के रहने वाले शहीद BSF जवान सांवलाराम का अंतिम संस्कार अभी नहीं हुआ है। उनकी पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचते ही यह तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। उनकी पार्थिव देह को बाड़मेर के शहीद सर्कल, चौहटन सर्किल, कुर्जा फांटा होते हुए गुढ़ामलानी स्थित उनके पैतृक आवास पहुंचाई जाएगी। जिसके बाद उनके अंतिम दर्शन, यात्रा और संस्कार की प्रक्रिया पूरी होगी।
कांगो में शांति मिशन के दौरान शहीद हुए थे दोनों जवान
बता दें कि अफ्रीकी देश कांगो में राजस्थान के दो BSF जवान सांवलाराम बिश्नोई और शिशुपाल सिंह 26 जुलाई को शहीद हो गए थे। वे संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का हिस्सा थे और कांगो में तैनात थे। इनमें से एक का नाम सांलवाराम बिश्नोई बाड़मेर ( Barmer ) जिले के बांड गांव के रहने वाले थे। वहीं दूसरे जवान का शिशुपाल सिंह सीकर ( Sikar ) के रहने वाले थे। BSF ने बीते बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी थी।
दरअसल दोनों जवान हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान शहीद हो गए थे। खबर के मुताबिक स्थानीय लोगों ने कांगो में मोनुस्को के खिलाफ विरोध- प्रदर्शन का ऐलान किया था। 26 जुलाई को यह प्रदर्शन हिसंक हो गया था। जिसके बाद प्रदर्शन कारियों ने BSF जवानों पर हमला कर दिया था। इस हमले में राजस्थान के दो BSF जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा कई स्थानीय लोग भी मारे गए हैं। BSF ने अधिकारियों ने कहा कि दोनों BSF जवान प्रदर्शनकारियों की हिंसा का शिकार बने गए। 70 से 74 BSF जवानों की दो पलटन इस इलाके में तैनात थी।