राजस्थान हाईकोर्ट ने राजेंद्र राठौड़ की रिट पर आज सुनवाई की। कोर्ट ने 91 विधायकों के इस्तीफे न स्वीकार करने के मामले में कोर्ट ने विधानसभा अध्यभ सीपी जोशी और विधानसभा सचिव को यह नोटिस दे दिया है। उन्हें इसका कारण बताना है। अब राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले की 2 सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
70 दिनों के भीतर स्वीकार किए जाते हैं इस्तीफे
हाईकोर्ट में रिट दायर करने वाले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने खुद ही इस मामले की पैरवी की थी। कोर्ट की जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह सुनवाई की। बहस के दौरान राजेंद्र राठौड़ से कोर्ट ने पूछा कि अभी तक इस्तीफे नहीं लिए गए हैं क्या ये इस्तीफे वापस भी हो सकते हैं इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संविधान के मुताबिक इस्तीफा देने के 70 दिनों के भीतर इसे स्वीकार करना होता है लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ इसलिए कोर्ट का रूख किया है।
दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई
सुनवाई के बाद राजेंद्र राठौड़ ने कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि इस मामले कोर्ट ऐतिहासिक फैसला देगा। एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूरा मामला अब न्यायिक विवेचना में आ गया है। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह दलबदल मामले में भी कोर्ट ने सुनवाई की इससे उम्मीद है कि तथ्यों के आधार पर सुनवाई होगी और ऐतिहासिक फैसला आएगा। राठौड़ ने कहा कि बहस के अंदर मैंने सारे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख किया। मैंने वह नियम भी बताया जिसमें 70 दिन तक कोई कार्यवाही न होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का जिक्र है। राठौड़ ने कहा कि संविधान में लिखा है कि जिन लोगों ने इस्तीफे दिए हैं उनके इस्तीफे निश्चित अवधि तक स्वीकार किए जाएं यह अनिवार्य है। अब इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।