जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आचार संहिता लागू हो गई है। प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। 23 नवंबर को मतदान होगा और 10 दिन बाद 3 दिसंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। राजस्थान में अगले 55 दिन में नई सरकार पर तस्वीर साफ हो जाएगी।
चुनावों की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने अपने 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। राजस्थान में भाजपा ने सात सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। भाजपा की 41 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने भी अपनी पहली सूची जारी कर दी है। बसपा ने पहली लिस्ट में 6 उम्मीदवार घोषित कर दिए है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाब ने यह जानकारी दी। बसपा के जारी आदेश के अनुसार, डीग-कुम्हेर से हरिओम शर्मा, तिजारा से इमरान खान, बानसूर से मुकेश यादव, बयाना-रूपवास से मदन मोहन भंडारी और दौसा से रामेश्ववर बनियाना गुर्जर को उम्मीदवार बनाया गया है।
बता दें डीग-कुम्हेर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है। डीग-कुम्हेर में एससी के वोटर्स खासी तादात में है। बसपा ने रणनीति के तहत मंत्री विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ ब्राह्मण कार्ड खेला है। सियासी जानकारों का कहना है कि एससी और ब्राह्मण वोट एक जगह आ जाते हैं तो विश्वेंद्र सिंह के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। बसपा अभी तक कुल 10 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इससे पहले 4 प्रत्याशी घोषित किए थे।
किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं…
इससे पहले अगस्त में बसपा ने 4 प्रत्याशी घोषित किए थे। इनमें धौलपुर से रितेश शर्मा, भरतपुर के नगर से खुर्शीद अहमद और नदबई से खेमकरण तैली को अपना उम्मीदवार बनाया हैं। बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को टिकट नहीं दिया जाएगा। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बसपा प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
विश्वेंद्र सिंह लगातार 3 बार चुनाव लड़े, दो बार जीते…
साल 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विश्वेंद्र सिंह को लगातार तीन बार टिकट दिया। वहीं बीजेपी ने दिगंबर सिंह (शैलेश) को लगातार 2 बार टिकट देकर मैदान में उतारा। विश्वेंद्र सिंह लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीते। वहीं साल 2023 के विधानसभा चुनाव में डीग विधानसभा चुनाव की बात की जाएं तो इस बार यहां से कांग्रेस एक बार फिर से विश्वेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतार सकती है।
इस बार कांटे का मुकाबला…
बता दें कि इस बार डीग को नया जिला बनाया है। सियासी जानकारों का कहना है कि डीग को जिला बनाने का लाभ मंत्री विश्वेंद्र सिंह को मिल सकता है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि डीग को जिला बनाए जाने से कुम्हेर के लोगों की नाराजगी विश्वेंद्र सिंह को उठानी पड़ सकती है। बता दें पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली में बसपा का खासा जनाधार है। विधानसभा चुनाव 2018 में बसपा ने पूर्वी राजस्थान से ही 5 सीटें जीती थी। जबकि कई सीटों पर बसपा के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे।