Rajasthan Election 2023: सात दिन पहले जयपुर में बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल हुए रविंद्र भाटी ने टिकट नहीं मिलने पर बागी तेवर दिखाना शुरु कर दिए है। पार्टी ज्वाइन करने पर यह माना जा रहा था कि शिव विधानसभा से उनका टिकट तय है। हालांकि, शुक्रवार सुबह बीजेपी ने इस सीट से स्वरूप सिंह खारा को मैदान में उतार दिया।
जो आपका निर्णय है वही मेरा निर्णय- भाटी
सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए रविंद्र सिंह भाटी ने लिखा कि जन सेवा को परम कर्तव्य मान कर अपने जीवन की शुरुआत की हैं और उसके लिए पूर्ण सक्षमता से संघर्ष किया है। अब आगे की राह स्वयं जनता तय करे, मेरे अपने तय करे, मेरे शुभचिंतक तय करे। जो आपका निर्णय है वही मेरा निर्णय है।
समर्थक उतरे सड़को पर
स्वरूप खारा को टिकट मिलने के बाद से ही रविंद्र सिंह भाटी के समर्थक सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे है। समर्थकोम में बीजेपी के खिलाफ आक्रोश हैं। रविंद्र सिंह भाटी के समर्थकों का कहना है कि भाटी ने बीजेपी पर भरोसा करके बीजेपी जॉइन की लेकिन, बीजेपी ने भाटी के साथ बड़ा धोखा किया है. इसका परिणाम बीजेपी को भुगतना पड़ेगा।
साल 2019 के छात्रसंघ चुनाव में रचा था इतिहास
साल 2019 में रविंद्र भाटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन, एबीवीपी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए। इस दौरान खास बात ये रही कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 57 साल के छात्रसंघ चुनावी इतिहास में पहली बार कोई निर्दलीय चुनाव जीतकर छात्रसंघ अध्यक्ष बना था।
उन्होंने 1294 वोटों से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इसके बाद वो राजनीतिक पार्टियों की नजरों में आ गए। वो छात्र राजनीति तक ही समीति नहीं रहे और प्रदेश के प्रमुख मुद्दों को लेकर भी अपनी आवाज बुंलद की। आंदोलन और आक्रामक रवैया रखने वाले भाटी अब युवाओं में पॉपुलर नाम हैं।