Rajasthan Assembly Election 2023 : जयपुर। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने 41 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैंं। इन 41 नामों से भाजपा ने 29 सीट पर चेहरे बदल दिए हैं। जिसके चलते कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्ट्रेटेजी के अनुसार टिकट वितरण का प्लान कर रही हैं। टिकट वितरण में एंटी- इनकम्बेंसी से निपटने को लेकर प्लान बनाया जा रहा है।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की माने तो कांग्रेस करीब 50-75 सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतार सकती हैं। कांग्रेस सत्ता में रहकर हर बार ज्यादातर मंत्री-विधायकों को रिपीट करती आ रही है। लेकिन भाजपा की पहली सूची में ही नए चेहरों पर दांव खेलने की रणनीति ने कांग्रेस को भी सोचने को मजबूर कर दिया है।
इससे अब कांग्रेस नए चेहरों और जिताउ उम्मीदवारों को टिकट के मंथन पर जुट गई है। हालांकि अभी इस पर निर्णय सीईसी की बैठक के बाद ही होगा। भाजपा की रणनीति को देखते हुए अब कांग्रेस हर सीट पर उम्मीदवार चयन में बारीकी से हार-जीत का आंकलन कर जिताउ उम्मीदवार को मैदान में उतार सरकार रिपीट में जुट गई है।
आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक
भाजपा में प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी करने का सिलसिला शुरू हो गया है, लेकिन कांग्रेस में सूची जारी होने में अभी समय लगेगा। अभी प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक होनी बाकी है। जिसमें एक लाइन का प्रस्ताव पास कर प्रदेश इलेक्शन कमेटी कांग्रेस आलाकमान पर टिकट का निर्णय छोड़ेगी। इसके साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी के साथ भी एक अंतिम बैठक जयपुर में बुधवार होगी।
इसके लिए कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई मंगलवार को जयपुर पहुंच चुके हैं। इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक होगी और कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की मुहर से टिकट 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रों में कभी भी जारी किए जा सकते हैं। सबसे पहले कांग्रेस ए और डी ग्रेड की सूची जारी करेगी। डी ग्रेड में लगातार जहां से हार रही है, वहां प्रत्याशी मैदान में उतारेगी और जहां से लगातार जीत रही है उन विधानसभा सीट से भी प्रत्याशी चयन कर मैदान में उतारेगी।
टिकटों पर गहलोत व सोनिया में चर्चा
इधर दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंगलवार को मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने सोनिया को आश्वस्त किया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी और इसलिए आलाकमान जीत को आधार मानकर सर्वे के आधार पर जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दे। इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं होगी। गहलोत व सोनिया में टिकट वितरण को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तों जल्द ही कांग्रेस राजस्थान में पहली लिस्ट जारी कर सकती है।
हर सरकार में एंटी-इनकम्बेंसी
हर सरकार को किसी न किसी स्तर पर एंटी-इनकम्बेंसी या सरकार विरोधी भावनाओं का सामना करना ही पड़ता है। राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज रहा है। भाजपा और कांग्रेस के सामने हमेशा प्रदेश में सरकार को रिपीट करने के लिए एंटी-इनकमबेंसी का सामना करना ही पड़ा है।
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