Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान और बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद सूबे की टोंक विधानसभा सीट अचानक से चर्चा में आ गई है जहां बीजेपी ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की इस हॉट सीट पर गुर्जर नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है.
जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने पायलट की घेराबंदी के लिए टोंक में तीन गुर्जर नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है जिसके बाद माना जा रहा है कि गुर्जर समुदाय का वोट बंट सकता है. मालूम हो कि 2018 के विधानसभा चुनावों में गुर्जर समुदाय ने एकतरफा कांग्रेस को वोट किया था.
पायलट के सामने BJP की गुर्जर फौज
बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में टोंक जिले के देवली-उनियारा से कर्नल किरोड़ी बैंसला के बेटे विजय बैंसला को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने पायलट के जिले में गुर्जर कार्ड खेलकर उन्हें घेरने की रणनीति अपनाई है.
वहीं इससे पहले बीजेपी ने दक्षिण दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी को टोंक जिले का प्रभारी बनाया था जिसके बाद माना जा रहा था कि बीजेपी टोंक में गुर्जर चेहरे के सहारे ही पायलट को कमजोर करना चाहती है. इसके अलावा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया पहले से ही टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद हैं.
BJP के लिए चुनौती पायलट फैक्टर!
बता दें कि टोंक जिले की 4 विधानसभा में वर्तमान में कुल 11 लाख 2 हजार 585 मतदाता हैं जहां जाट, गुर्जर, मीणा, अल्पसंख्यक बाहुल्य वाली इन चारों सीटों पर गुर्जर मतदाता अच्छी खासी संख्या में है. 2013 और 2018 में गुर्जर मतदाताओं ने चुनावी गणित बिगाड़ दिया था.
आंकड़ों के मुताबिक अकेले टोंक में 35-40 हजार गुर्जर वोटर्स हैं. वहीं देवली-उनियारा में सबसे ज्यादा 60 से 62 हजार गुर्जर मतदाता हैं. इसके अलावा निवाई-पीपलू में 40 से 41 हजार, मालपुरा-टोडारायसिंह में 38 से 40 हजार गुर्जर मतदाता हैं.