Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर अब जाजम पूरी तरह से तैयार है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने पूरी 200 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं सभी सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट मिलने के बाद अब हॉट सीटों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है जिसमें जयपुर शहर की झोटवाड़ा सीट लगातार छाई हुई है. झोटवाड़ा सीट से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही नया प्रयोग किया है जहां कांग्रेस ने युवा चेहरे पर दांव लगाते हुए NSUI के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है.
वहीं बीजेपी ने यहां जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया है तो बीजेपी के बागी पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत और आशु सिंह सुरपूरा ने भी निर्दलीय के तौर पर नामांकन किया है. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है. झोटवाड़ा सीट पर गहलोत सरकार के मंत्री लालचंद कटारिया के चुनाव लड़ने के इनकार के बाद युवा चेहरा तलाशा गया जहां युवा कोटे से अभिषेक पर दांव खेला गया.
फलौदी मूल के अभिषेक चौधरी युवाओं में काफी फेमस है और युवाओं के मुद्दे पर वह लगातार सक्रिय रहे हैं और आवाज उठाते रहे हैं, अब देखना यह होगा कि वो विधानसभा के पिच पर कितना कमाल कर पाते हैं.
2007 में कांग्रेस से जुड़े चौधरी
दरअसल अभिषेक के सियासी सफर की बात करें तो वह 2007 से लगातार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और संगठन में कई पदों पर रहे हैं. अभिषेक सुबोध कॉलेज के एनएसयूआई के इकाई अध्यक्ष रहे हैं और 2012 में उन्होंने लॉ कॉलेज के छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और जीतकर अध्यक्ष बने. वहीं अभिषेक राजस्थान विश्वविद्यालय से निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं.
इसके अलावा एनएसयूआई के नेशनल डेलिगेट्स रहने के बाद उन्होंने एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव एवं महासचिव जैसे पदों पर भी रहे. अभिषेक मई 2020 में एनएसयूआई राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बने थे जिसके बाद से वर्तमान में बने हुए हैं.
छात्रसंघ चुनाव 2022 में संगठन को मिली थी हार
वहीं अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में ही राजस्थान के 15 में से 14 सरकारी विश्वविद्यालयों और 450 से ज्यादा कॉलेजों में हुए छात्रसंघ चुनाव 2022 में एनएसयूआई को जोरदार झटका लगा था जहां इन चुनावों में प्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अग्रिम संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) एक भी विवि में अपना छात्र संघ अध्यक्ष नहीं बना सकी थी.