Lok Sabha Elections : लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान की सियासत गरमाई हुई है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में पूर्व बीजेपी विधायक प्रहलाद गुंजल, विद्याशंकर नदवाना, छबड़ा से निर्दलीय विधायक नरेश मीणा, शिव विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी फतेह खान, सिवाना से निर्दलीय प्रत्याशी सुनील परिहार सहित अनेक बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस ज्वाइन किया।
प्रहलाद गुंजल राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी और हाड़ौती यानी कोटा-बूंदी के बड़े नेता माने जाते हैं। गुंजल की गुर्जर समाज के वोटर्स पर अच्छी पकड़ है। गुंजल को गहलोत के करीबी पूर्व कैबिनेट मंत्री शांति धारिवाल का धुर विरोधी माना जाता है, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। खबर है कि प्रहलाद गुंजल विधानसभा अध्यक्ष ओम बिडला के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
प्रहलाद गुंजल के लगाए बड़े आरोप
गुंजल ने कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद प्रहलाद गुंजल ने कहा कि मैंने आज तक जमीनी स्तर पर रहकर आम आदमी की सेवा की है, मैं आम लोगों के लिए जिया हूं। पार्टी की सेवा की लेकिन पार्टी ने मेरी चालीस साल की तपस्या की कद्र नहीं की। दरअसल, प्रहलाद गुंजल कोटा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बीजेपी पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया। संभावना है कि अब प्रहलाद गुंजल कोटा-बूंदी से कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए गुंजल ने कहा कि ‘धारा में हमेशा मरी हुई मछलियां बहती हैं, जिंदा लोग तो धारा के विपरीत रहते हैं !
वसुंधरा के करीब है गुंजल
प्रहलाद गुंजल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। वह वसुंधरा के कार्यकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। प्रहलाद गुंजल ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित करने को लेकर भाजपा नेतृत्व की खुलकर बगावत की थी। उनका नाम हाड़ौती संभाग के प्रमुख नेताओं में शुमार है। वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे के करीबी नेता और चूरू सांसद राहुल कस्वां पहले ही भाजपा का साथ छोड़ चुके हैं।
कस्वां को कांग्रेस ने चूरू से सीट भी दे दी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता उम्मेदाराम ने भाजपा ज्वाइन की है और उन्हें बाड़ेमर सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की खबरें जोरों पर हैं।