प्रदेश में एक तरफ लम्पी की चपेट में आने से गायों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। वहीं इस मामले में राजनीतिक दलों की सियासत भी परवान पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि रोग की गंभीरता को देखते हुए लगातार केंद्र सरकार से लम्पी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की जा रही है। सभी दल राजनीतिक विचारधारा से हटकर गोवंश को बचाने के लिए आगे आएं। गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में मीडिया से कहा कि सभी मिलकर केंद्र सरकार से इस रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने की मांग करें, ताकि रोग पर जल्द नियंत्रण पाया जा सके।
रोग की रोकथाम के लिए आवश्यक वैक्सीन व दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की अहम जिम्मेदारी है। इसके लिए विपक्ष के सदस्य सहयोग करें। इधर, लम्पी की रोकथाम में नाकामी का आरोप लगाते हुए भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव करेगी।
मिलकर करनी होगी कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के समय भी हमने लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कीं। सभी जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरुओ, स्वयंसे ं वी संस्थाओ, ं भामाशाहों और आमजन आदि के सहयोग से सफलतापूर्वक कोरोना महामारी पर नियंत्रण भी किया जा सका। उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर हम सभी को मिलकर लम्पी स्किन रोग से गोवंश को बचाने के लिए कोशिश करनी होगी।
सर्वदलीय बैठक में भी चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी की रोकथाम के लिए गत 15 अगस्त को सीएम निवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा की थी। इसमें विभिन्न पार्टिर्यों के जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरुओ, स्वयंसेवी संस्थाओ, गोशाला संचालकों, पशुपालकों और विशेषज्ञों ने इसे गंभीर विषय बताया था।
केंद्र ने कहा रोकथाम में विफल सरकार
प्रदेश के दो दिन के दौरे पर आए के न्द्रीय पशुपालन मंत्री संजीव बालियान ने लम्पी को लेकर राज्य सरकार पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। बाल्यान इस मसले में मंगलवार को राज्य सरकार के अधिकारियों और मंत्री से चर्चा करेंगे। बाल्यान ने कहा कि गहलोत हर मामले में केन्द्र पर आरोप मढ़ने का काम कर रहे हैं। वे डूबती कांग्रेस के अध्यक्ष बनने में लगे हु ए हैं। गायों को मरने के लिए छोड़ दिया है।
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