जयपुर। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में तालीम हासिल करने वाले छात्रों को अब स्मार्ट क्लासरूम की सौगात मिली है। राज्य सरकार ने प्रदेश के मदरसों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की शुरूआत कर दी है। मंत्री सालेह मोहम्मद ने जैसलमेर में बताया कि मदरसों में बेहतर शिक्षा के लिए इनमें स्मार्ट क्लासरूम जैसी विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यहां विद्यार्थी अब ब्लैक बोर्ड की जगह स्मार्ट बोर्ड के जरिए तालीम हासिल करेंगे।
प्रति मदरसा 2.62 लाख रूपए होंगे खर्च
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए 13.10 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट की स्वीकृति प्रदान की है। राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा पंजीकृत मदरसों में से 500 मदरसों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जाने के लिए प्रति मदरसा 2.62 लाख रूपए खर्च होंगे। उल्लेखनीय है कि गहलोत ने बजट वर्ष 2022-23 में पंजीकृत मदरसों में स्मार्ट क्लासरूम मय इंटरनेट की सुविधा चरणबद्ध रूप से कराए जाने की घोषणा की थी। इसी के तहत प्रथम चरण में आगामी वर्ष में 500 मदरसों को अपग्रेड किया जाएगा।
आदर्श मदरसों में ई लाइब्रेरी की स्थापना
सालेह मोहम्मद ने बताया कि मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मदरसों में आधारभूत संरचनाओं का विकास कराया जा रहा है, आदर्श मदरसों में लाइब्रेरी की स्थापना की जा रही है। जहां महापुरुषों की जीवनी की पुस्तकें मदरसों के बच्चे पढ़ सकेंगे। मदरसों के बच्चों को दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम दिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मदरसों में तालीम हासिल करने वाले छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार कृत संकल्प है।
आवासीय विद्यालयों में होगी ई लाइब्रेरी अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद के प्रयासों से प्रदेश के विभिन्न ब्लॉक में राजकीय अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं। जहां अल्पसंख्यक समुदाय के बालक-बालिकाएं शिक्षा हासिल कर रही हैं। अब इन आवासीय विद्यालयों में ई लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 344 आवासीय विद्यालयों में 36.56 करोड़ की लागत से ई लाइब्रेरी स्थापित करने की स्वीकृति दी है। इनमें अल्पसंख्यक मामलात विभाग की 16 राजकीय आवासीय विद्यालय भी शामिल हैं।