Rajasthan Politics : राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक के बीच बयानबाजी का दौर तो जारी ही है। अशोक गहलोत गुट के कई विधायक उन्हें बिना जानकारी के इस्तीफा दिलवाने की बात भी कह चुके हैं। अब इसी कड़ी में वल्लभनगर विधानसभा सीट से विधायक प्रीति शक्तावत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अंधेरे में रखकर शांति धारीवाल के आवास पर बैठक के लिए भेजा गया और इस्तीफा दिलवा दिया गया।
प्रीति शक्तावत का कहना है कि बीते रविवार को जो कुछ भी हुआ वो बिल्कुल गलत था। उन्होंने कहा कि उन जैसे कई विधायकों को फोन कर धारीवाल के आवास पर बैठक के लिए बुलाया गया था लेकिन इसका कारण उन्हें नहीं बताया गया। उन्हें अंधेरे में रखकर इस्तीफा दिलवा दिया गया। प्रीति ने कहा कि पायलट समर्थकों के लिए बार बार गद्दार शब्द सुनकर बेहद आहत हुई हूं। कुछ मंत्री और विधायक मानेसर गए विधायकों को मीडिया के सामने टीवी पर आकर गद्दार बोलकर चले जा रहे हैं जिससे बहुत दुख हुआ है। लेकिन हम तो वही करेंगे जो आलाकमान का आदेश होगा। सोनिया गांधी जो कहेंगी हम वो ही करेंगे।
इन विधायकों ने भी दिए थे बयान
विधायक इंदिरा मीणा के बयान के बाद चर्चाओं का बाजार बेहद गर्म हो गया था। साथ ही साथ यह सवाल भी अपनी मुंह उठा रहा था कि कि क्या सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपने वाले सभी 92 विधायकों की मर्जी शामिल थी य़ा उन्हें पता था कि वे किस वजह से शांति थारीवाल के घर मीटिंग के लिए जा रहे और जिस कागज पर उन्होंने साइन किए हैं क्या उन्हें पता था कि वह कागज उनके इस्तीफे का है। विधायक इंदिरा मीणा ने काह था कि रविवार वाले घटनाक्रम में उन्हें नहीं पता था जिसकागज पर वो साइन कर रही है वो उनके इस्तीफा का है।
मदन प्रजापति, संदीप यादव ने भी दिए बयान
दूसरी तरफ गहलोत गुट के विधायक संदीप यादव ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री बने हमें कोई परेशानी नहीं हम बस आलकमान का आदेश मान रहे हैं। इसके अलावा मदन प्रजापति ने भी इसी तरह की बात कही। आपको यह भी बता दें कि इंदिरा मीणा के साथ ही इन विधायकों ने भी यह बयान दिया है कि वे बीते रविवार शाम 7 बजे CMR में निर्धारित बैठक के लिए ही जा रहे थे। लेकिन उन्हें फोन कर शांति धारीवाल के आवास पर बैठक के लिए बुला लिया गया। उन्हें लगा कि CMR से पहले यहां कोई बैठक होगी, इसलिए बुलाया है। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि इस बैठक में क्या होने वाला है और क्या आदेश लिया जाने वाला है।