Rajasthan Assembly Elections 2023: छात्र राजनीति से राज्य की मुख्यधारा की राजनीति में आने वाले लोगों की एक लंबी सूची है। राजस्थान यूनिवर्सिटी से निकले ऐसे कई चेहरे हैं जो आज सांसद, विधायक यहां तक कि राज्य और केंद्र में मंत्री भी बन चुके हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी सबसे ज्यादा नेता देने वाला विश्वविद्यालय रहा है। छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके और छात्र राजनीति से लेकर प्रदेश की राजनीति तक का सफर तय करने वाले दोनों पार्टियों के ये नेता इस बार फिर से टिकट की दौड़ में शामिल है। आइए जानते है इनके बारें में…
टिकट की कतार में खड़े
वर्ष 1947 में अस्तित्व में आई राजस्थान यूनिवर्सिटी से कई नेताओं ने अपने राजनीतिक सफर शुरुआत की। छात्र राजनीति से राज्य की मुख्यधारा की राजनीति में आने के बाद कई छात्र नेता बाद में जाकर सांसद, विधायक और मंत्री बने। अब यह नेता 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर से टिकट की कतार में खड़े है। दोनों दलों में ही ऐसे नेता शामिल है, जिन्होंने छात्र राजनीति से अपने जीवन की शुरुआत की थी।
राजस्थान यूनिवर्सिटी और छात्र राजनीति
- मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी 1995-96 में सरकार्यवाह रह चुके हैं।
- 1997-98 में सांसद हनुमान बेनीवाल अध्यक्ष थे।
- मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार राजकुमार शर्मा 1999-2000 में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे।
- बीजेपी विधायक और पूर्व मेयर अशोक लाहोटी 2000-01 में छात्रसंघ अध्यक्ष थे।
- इसके अलावा 2002-03 में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे पुष्पेंद्र भारद्वाज कांग्रेस से विधायक प्रत्याशी रह चुके हैं।
- 2003-04 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे जितेंद्र मीणा भी विधायक रह चुके हैं।
- मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया भी मौजूदा सरकार में विधायक हैं, ये भी छात्र राजनीति से ही निकले हैं।
- राजेन्द्र राठौड़-: छात्र संघ अध्यक्ष रहे, अभी नेता प्रतिपक्ष हैं। पहले चिकित्सा फिर ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं।
- कालीचरण सराफ-: छात्र संघ राजनीति में सराफ 1972 से 74 तक सक्रिय रहे। साल 1973-74 में छात्र संघ अध्यक्ष बने। वसुंधरा सरकार में पहले शिक्षा, फिर चिकित्सा मंत्री रहे।
- प्रताप सिंह खाचरियावास छात्र संघ अध्यक्ष रहे, परिवहन मंत्री और बाद में खाद्य मंत्री बने। वर्तमान में सिविल लाइन्स सीट से विधायक हैं।