राजस्थान में इस समय सियासत डावाडोल है। अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने पर सीएम की कुर्सी छोड़ने के ऐलान के बाद अब तमाम मुद्दे एक बार आकर राजस्थान के होने वाले सीएम के चेहरे पर ठहर गए हैं। कि राजस्थान का सीएम कौन बनेगा? फिलहाल दो चेहरे सीएम की रेस में हैं। पहला सचिन पायलट का और दूसरा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का। खबरों की माने तो कांग्रेस हाईकमान सचिन पायलट को सीएम बनाने के पक्ष में हैं।
जिस तरह कल सुबह सचिन पायलट को आलाकमान ने दिल्ली में बुलाया था जिसमें राजस्थान की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर जरूर बात हुई होगी, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि सचिन पायलट जब जयपुर वापस आकर विधानसभा गए थे और सभी विधायक उनकी आवभगत करने के लिए विधानसभा के गेट तक आ गए थे। उससे सियासी गलियारों और खबरों के बाजार में ये नजारे किसी संदेश की तरफ इशारा कर रहे हैं ।
अगर सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते है तो….
हालांकि बीच में ये खबरें भी आई हैं कि अशोक गहलोत सचिन पायलट के नाम पर सहमत नहीं हुए हैं। लेकिन अगर जो सियासी समीरण बन रहे हैं उसके मुताबिक अगर सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो एक बात तो तय है कि सालों से उनके मन में दबी प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा पूरी हो जाएगी। लेकिन उनके सामने चुनौतियां भी तमाम होंगी।
दरअसल सचिन पायलट साल 2018 के विधानसभाचुनावों में जिस तरह से पायलट ने पार्टी को एकजुट किया था और पूरे राजस्थान में कांग्रेस की लहर चलवाई थी।उनके इस काम को देखकर उन्हें प्रदेश की सरकार में उप मुख्यनंत्री की पद दिया गया था। लेकिन उनके मन में मुख्यमंत्री न बन पाने का नाराजगी साफ देगी गई थी। यह नाराजगी साल 2020 में बगावत मे बदल गई थी। जिसके बाद वे अपने समर्थक विधायकों को लेकर हरियाणा के रिज़र्ट पहुंच गए थे। वे पार्टी के आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल -प्रियंका गांधी से मिलने दिल्ली भी गए थे। लेकिन तब कुछ बात बनी नहीं। सचिन पायलट वापस अशोक गहलोत के साथ आ गए।
अपराध, सांप्रदायिक दंगे, सियासी गहमागहमी समेत कई चुनौतियां
हालांकि सचिन पायलट तब से लेकर अब तक अशोक गहलोत के साथ कई मौकों पर दिख तो चुके हैं लेकिन राजस्थान कांग्रेस में दो धड़े बन चुके हैं एक धड़ा अशोक गहलोत का समर्थक है तो दूसरा सचिन पायलट का। अगर सचिन पायलट सीएम बनते हैं तो गहलोत समर्थक विधायक नाराज हो सकते हैं और ये नाराजगी किस हद तक जाती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
अगर हम प्रदेश के आम मुद्दों को लेकर चलें तो देखेंगे कि सामाजिक तौर पर राजस्थान की सरकार के सामने अथाह चुनौतियां हैं। हाल ही में NRBC की रिपोर्ट आई थी जिसमें राजस्थान को क्राइम के मामले में सबसे ऊपर दिखाया गया था। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर हैं। तो बीते 5 महीनों से हो रहे लगातार सांप्रदायिक दंगे ने प्रदेश की छवि पूरे देश और विदेशों में भी धूमिल हुई है। हैरिटेज स्टेट कहा जाने वाला राजस्थान आज क्राइम स्टेट के नाम से जाना जा रहा है। इस स्थिति मे सुधार करना अगले सीएम के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होने वाली है। क्योंकि विपक्ष में बैठी भाजपा लगातार इन्हीं मुद्दों पर सरकार को जबरदस्त तरीके से घेर रही है। हाल ही में भाजपा ने विधानसभा पर प्रदर्शन कर इस बात का संकेत दे दिया कि ये मुद्दे सरकार के भविष्य की स्थिति बयां कर रहे हैं।