जयपुर। मानसरोवर थाना पुलिस ने एक ऐसी बाइक चोर गैंग का पर्दाफाश किया है, जो बारां से जयपुर आकर यहां से बाइक चुराती थी और बाद में उनको सस्तेदामों में बेच देती थी। पुलिस ने 4 शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी की 14 बाइक बरामद की है। गैंग का सरगना अशोक गुर्जर मूल रूप से बारां जिले के रहने वाला है। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है।
प्रारंभिक पूछताछ में बदमाशों ने बड़ी संख्या में बाइक चोरी करना कबूल किया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि 12 दिसंबर 2023 को गगन कुमावत पुत्र राजेश कुमावत निवासी 18 शांति विहार कल्पनापुरा सांगानेर जयपुर ने रिपोर्ट दी थी। उसने बताया कि दोपहर 4:30 से 6:30 के बीच स्टोन पार्क बी टू बाइपास में घूमने गया था। उसने अपनी बाइक वहां पार्किंग में खड़ी की थी।
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स्टोन पार्क में घूमने के बाद जब वह वापस आया तो पार्किंग से बाइक गायब मिली। पीड़ित की शिकायत पर सांगानेर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस टीम ने इलाके में लगे सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और आवारा घूमने वाले बदमाशों के फुटेज के आधार पर मुखबिर से जानकारी जुटाई। चालानशुदा अपराधियों से भी गहन पूछताछ की गई और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर ट्रेडिशनल पुलिसिंग के जरिए अपराधियों को चिह्नित किया गया। इसके बाद अलग-अलग टीमें भेजकर सरगना अशोक गुर्जर और उसके साथियों लक्ष्मण कुशवाह, सन्नी शर्मा, नौरतन को गिरफ्तार किया गया।
सीके बिरला अस्पताल के पीछे छिपाते थे बाइक्स
बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि वह बाइक चुराने के बाद उसको सीके बिरला अस्पताल के पीछे छिपाते थे। इस पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर वहां खड़ी 14 बाइक को रिकवर किया। वाहन चोर अशोक गुर्जर ने बताया कि उनकी गैंग सांगानेर, प्रताप नगर, जवाहर सर्किल, मुहाना, मानसरोवर, मालपुरा गेट, सांगानेर सदर और शिप्रापथ थाना इलाकों में बाइक चोरी करती थी।
गैंग के बदमाश सूने मकान और भीड़भाड़ में खड़ी बाइक्स को बनाते थे निशाना
बदमाशों ने बताया कि वह दिन और रात के समय जयपुर शहर के अलगअलग इलाकों में सूने मकानों के बाहर खड़ी बाइकों को चिह्नित करते। साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों, पार्क, गार्डन, मैरिज गार्डन के सामने मौका देख कर बाइक को पुरानी चाबी से स्टार्ट कर चोरी कर ले जाते थे और आसपास के इलाकों में सुनसान जगह पर ले जाकर खड़ी कर देते थे और मौका पाकर जयपुर से बाहर भिजवा देते थे। इसके बाद ग्राहक तैयार कर सस्तेदामों में बाइक बेच देते थे।
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