शिवपुरी। अक्सर देखा जाता है कि बच्चों की ख्वाहिशें पूरी करने के लिए माता-पिता कुछ भी कर देते है। कोई भी माता-पिता नहीं चाहता है कि उसके बच्चे किसी भी चीज के लिए तरसे। बच्चों की खुशी के लिए कभी-कभी माता-पिता ऐसा भी कर जाते है जिसे सुनकर हैरानी होती है। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के शिवपुरी से सामने आया है। यहां पर एक पिता ने अपने बच्चे की जिद पूरी करने के लिए पहले तो खून का सौदा करने गया। वहां से जब निराशा मिली तो पिता को चोरी करने का ख्याल आया। उसने चोरी भी कर ली, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसे मारपीट कर पुलिस के हवाले कर दिया। जहां पर मजबूर पिता ने पुलिस के सामने अपनी कहानी बयां की।
पिता बोला-बेटे की जिद ने बनाया लाचार…
मैं वो बेबस पिता हूं…चाहे इसे आप लाचारी कहें या फिर मेरी गरीबी। मेरे बेटे का जन्मदिन था और उसकी जिद थी कि उसके पापा उसके लिए केक और गुब्बारे लेकर आए। मेरे अपने बेटे का जन्मदिन मनाना चाहता था, लेकिन मेरी जेब में एक रुपए तक नहीं था…मैं अपनी मजबूरी के आगे लाचार था… बेटे की जन्मदिन बनाने की जिद को मैं किसी भी तरह पूरी करना चाहता था। मैं पैसों की व्यवस्था करने लगा।
मैंने सभी तरह से पैसों की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन हर तरह से मुझे ना सुनने को मिला। मैं एक दुकान के बाहर खड़ा ही था कि मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों ना अपना खून बेच दूं। बेटे के जन्मदिन मनाने की खुशी का सपना लेकर मैं अस्पताल पहुंच गया। यहां मैंने ब्लड डोनेट करने के लिए कई लोगों से पूछा कि शायद किसी को खून की जरूरत हो…लेकिन यहां भी मेरी किस्मत दगा दे गई। मुझे एक भी ब्लड की जरूरत वाला नहीं मिला। आखिर थक हारकर मेरे मन में चोरी का ख्याल आया। मैं हॉस्पिटल के एक वार्ड में पहुंचा और एक मरीज को फोन चोरी लिया…लेकिन यहां भी मेरी किस्मत खराब निकली। मुझे मोबाइल उठाते देख लिया और चोर-चोर कह कर आवाज लगा दी। इसके बाद जो भी शख्स वहां आया मेरे साथ मारपीट करने लगा।
यह मामला मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले का है। सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस ने जब चोर को पकड़ कर पूछताछ की तो उसकी चोरी की कहानी ने सभी को गमगीन कर दिया।
बेटे का जन्मदिन था, पैसों के लिए अपना खून बेचने अस्पताल आया…
पुलिस की पूछताछ में बृजेश धाकड़ ने बताया कि वह गोपालपुर का रहने वाला है। उसे पैसों की बहुत जरूरत थी। क्योंकि उसके बेटे का उस दिन जन्मदिन है। अस्पताल के दो युवकों से उसकी बात खून बेचने को हो गई थी। वह अस्पताल में अपने खून बेचने के लिए आया हुआ था, लेकिन यहां उसे दोनों युवक नहीं मिले। पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए वह मरीज राजेश के बेड के पास गया और उसका मोबाइल चोरी कर लिया। मोबाइल चोरी करते समय ही उसे राजेश के परिजनों ने पकड़ लिया। बृजेश धाकड़ ने कहा कि उसके कभी चोरी नहीं है। आज मजबूरी में उसे इस तरह का काम करना पड़ा।
लोगों ने चोर समझ जमकर की पिटाई…
पुलिस ने बताया कि राजेश श्रीवास्तव निवासी झींगुरा कॉलोनी अस्पताल भर्ती होकर चार दिन से अपना उपचार करा रहे थे। राजेश ने अपना 20 हजार रुपए का मोबाइल वार्ड में अपने बेड पर चार्ज में लगाया हुआ था। इस दौरान बृजेश धाकड़ नाम के एक व्यक्ति ने उनका मोबाइल कर लिया। हालांकि अस्पताल के वार्ड मौजूद लोगों और राजेश के परिजनों ने मोबाइल चोरी करते हुए बृजेश को रंगे हाथ पकड़ लिया और उसके साथ जमकर मारपीट की। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि पुलिस ने बृजेश धाकड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया या नहीं।