Rajasthan Assembly Election 2023: अलवर जिले में कुल 11 विधानसभा सीटें है। इनमें से एक किशनगढ़ बास विधानसभा सीट है। पिछले चुनाव में यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। वर्तमान में इस सीट से बसपा के टिकट पर जीते विधायक दीपचंद खेरिया है। आइए जानते है इस सीट के इतिहास और समीकरण के बारें में…
जिला बनने से वर्तमान विधायक को फायदा
मेवात का किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र पहले खैरथल विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लेकिन, 2008 से इसे किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र को जिला बनाने की मांग को पूरा कर वर्तमान विधायक दीपचंद खेरिया मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं।
किशनगढ़ बास विधानसभा अब तक का चुनावी गणित
खैरथल विधानसभा क्षेत्र 1967 से 2003 तक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित था। हालांकि, 2008 में परिसीमन के बाद किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र आरक्षित से सामान्य हो गया। किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इस सीट पर दो बार जीतने का रिकॉर्ड बीजेपी के रामहेत यादव के नाम है, जबकि एक बार दीपचंद खैरिया ने जीत दर्ज की है। खैरथल विधानसभा क्षेत्र से चार बार जीतने का रिकॉर्ड संपत राम के नाम था। संपतराम ने 1972, 1977, 1980 और 1990 में कुल चार बार जीत हासिल की।
जातीय समीकरण
खैरथल विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर मतदाता यादव समाज से आते हैं। इसके बाद जाट, दलित और अनुसूचित जाति का दबदबा रहा है। सबसे खास बात ये है कि इस इलाके में पाकिस्तान के सिंध से आए सिंधियों की भी अच्छी खासी आबादी है। इसके अलावा इस क्षेत्र में बनिया और ब्राह्मणों का भी काफी प्रभाव है।
2023 के चुनाव में कांग्रेस से 19 दावेदार
2023 के चुनाव में कांग्रेस से 19 दावेदारों के नाम शामिल है। इनमें दीपचंद खेरिया, बलराम यादव बलबीर छिल्लर, बिजेंद्र सिंह महलावत, डॉ विनोद कुमारी सांगवान, सिमरत कौर, निशान्त यादव, राम यादव, गफूर खान, शेर सिंह चौधरी, वीर नारायण यादव, निक्की देवी, अजय चौधरी, जसवंत यादव, धर्मेंद्र बजाज, सतीश कुमार यादव, जाबिद खान, सुनील कुमार नाम शामिल है।
बीजेपी से दावेदार
बीजेपी की बात करें तो बीजेपी से जिला परिषद पार्षद दिनेश यादव और स्टार पब्लिक स्कूल के निदेशक दिनेश यादव प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पूर्व विधायक रामहेत सिंह यादव भी एक बार फिर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।