एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज जयपुर आई थीं। उन्होंने होटल क्लार्क आमेर में भाजपा सांसदों और विधायकों के साथ मुलाकात की। लेकिन इसी दौरान यहां कुछ ऐसा हुआ जिससे भाजपा नेताओं के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया। यहां भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर से उलझते नजर आए।
होटल में कार्यकर्ताओं को एंट्री न मिलने से हुए नाराज
दरअसल हुआ यूं कि किरोड़ी लाल मीणा के कार्यकर्ताओं को होटल में एंट्री नहीं मिली। कार्यकर्ताओं को राठौर ने अंदर आने से रोक दिया। जिससे किरोड़ी मीणा अपना आपा खो बैठे औऱ राजेंद्र राठौर से उलझ गए। देखते ही देखते मामला काफी गर्म हो गया। यहां तक कि बीचबचाव करने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आना पड़ा, तब जाकर यह किरोड़ी मीणा शांत हुए।
SC-ST समुदाय के साथ हो रहा भेदभाव
किरोड़ी लाल ने आरोप लगाया कि पार्टी का कोई कमिटेड वर्कर कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहा है। वे हमेशा SC-ST समुदाय के लिए खड़े रहते हैं। औऱ जब आज इस समुदाय की राष्ट्रपति उम्मीदवार यहां आई हुईं है, तो उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है और उनके साथ ऐसा सलूक हो रहा है। किरोड़ी ने कहा कि यहां चापलूसों की भीड़ एकत्रित हो रही है। दरअसल, वहीं राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजस्थान में बीजेपी ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को इलेक्शन एजेंट की जिम्मेदारी दी गई है। राजेन्द्र राठौड़ को ही द्रौपदी मुर्मू के दौरे की सारी व्यवस्थाएं देख रहे हैं। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने आज होटल क्लार्क्स आमेर में भाजपा सांसदों-विधायकों, जनप्रतिनिधियों और आदिवासी समाज के नेताओं के साथ चाय पर चर्चा की।
गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर कसा तंज
किरोड़ी औऱ राजेंद्र राठौर के बीच हुई तीखी बहस को लेकर सियासत के गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा में सब कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं, इनका जनता से कोई सरोकार नहीं है, इनमें तो अंदर ही इतनी तकरार है।
किरोड़ी लाल ने ट्वीट कर कहा- अपनी बात अपनों से नहीं तो किससे कहूंगा, भाई राजेंद्र से कोई मतभेद नहीं
इस विवाद के चर्चा में आने के बाद खुद किरोड़ी लाल मीणा ने इस पर अपनी सफाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अपने आदिवासी भाई-बहनों की पीड़ा को राजेंद्र राठौर के सामने रखा था। वे अपनी बात अपनों से नहीं तो किससे कहेंगे। मेेरे औऱ मेरे भाई राजेंद्र के बीच कोई मतभेद नहीं हेै, इसका सवाल ही नहीं उठता।