Jodhpur : प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों से जुड़ी सियासत तेज होती दिखाई दे रही है। शुक्रवार को जोधपुर में भाजपा ओबीसी मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू होगी। 10 सितंबर को इस बैठक को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा पार्टी के ओबीसी से आने वाले कई अन्य नेता भी इसे बैठक में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के गृह जिले में भाजपा की इस बैठक के होने के मायने जोधपुर संभाग के ओबीसी मतदाता पर फोकस बताया जा रहा।
सभी ओबीसी प्रदेशाध्यक्ष समेत कुल 125 लोग होंगे मौजूद
2023 विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) को देखते हुए भाजपा ओबीसी जातियों को साधने की रणनीति तैयार करेंगे। ओबीसी मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के साथ ही बूथ अध्यक्ष संकल्प महासम्मेलन रावण के चबूतरे में आयोजित होगा। अमित शाह यहां भी बूथ अध्यक्षों को संबोधित करेंगे। ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश भडाना और मोर्चा राष्ट्रीय कार्य समिति बैठक के प्रभारी राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने बताया कि नौ और दस सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्य समिति बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय समिति सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य व सभी ओबीसी प्रदेशाध्यक्ष समेत कुल 125 लोग उपस्थित रहेंगे।
आज केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र चौधरी होंगे मुख्य अतिथि
इसके अलावा ओबीसी मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 10 सितंबर तक चलेगी। 9 सितंबर को प्रथम दिन उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि केंद्रीय वन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन और श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) होंगे। दूसरे सत्र में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया (Satish Poonia), कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी रहेंगे। तीसरे सत्र में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सांसद नायब सिंह सैनी, चौथे सत्र में राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
विधानसभा घेराव की चेतावनी
जनतांत्रिक युवा मोर्चा और अन्य संगठनों ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है। इसको लेकर युवा मोर्चा महिपाल महला ने कहा कि ओबीसी के युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल रही। भाजपा सरकार और कांग्रेस सरकार ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को नियमों में फंसाकर युवाओं के अधिकारों को खत्म कर दिया। इसके लिए 20 सितंबर को विधानसभा घेराव किया जाएगा। इसी मामले को लेकर 13 सितंबर को नागौर में रैली निकाली जाएगी। इसके बाद 14 सितंबर से राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) में अस्थाई धरना शुरू किया जाएगा।